रमनराज की उपज, चिटफंड कंपनी का एमडी गिरफ्तार,भूपेश सरकार की कामयाबी – कांग्रेस
पूर्वर्ती भाजपा सरकार की हिस्सेदार ने चिटफंड कारोबारियो को लूट की छूट दे रखी थी – घनश्याम तिवारी
रायपुर 02 जुलाई 2021– चिटफंड कंपनी पीएसीएल के एमडी सुखदेव सिंह की गिरफ्तारी से प्रदेश में हज़ारों लोगो के करोड़ो रुपये वापसी की एक नई आस जागी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहां की सुखदेव सिंह की गिरफ्तारी भूपेश सरकार की कामयाबी है। प्रदेश में 15 हज़ार से ज्यादा लोगों को चिटफंड में लालच देकर करोड़ों रुपए का चूना लगाकर भागे पीएसीएल कंपनी के एमडी सुखदेव सिंह की गिरफ्तारी इस बात को साबित करती है छत्तीसगढ़ सरकार हजारों लोगों के साथ चिटफंड के नाम पर किये गए धोखाधड़ी में किसी को भी छोड़ने वाली नही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कम्पनियों से निवेशकों की जमा राशि वापस दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश पूर्व में दिए थे। वही दूसरी ओर आज मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की समिति बनाई जाए, जो चिट फंड कम्पनियों के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई की प्रगति की हर हफ्ते समय-सीमा की बैठक में समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निवेशकों और स्थानीय लोगों से चिटफंड कम्पनियों की सम्पत्तियों की जानकारी लेकर वसूली के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी चिटफंड मामले को लेकर कहा कि भाजपा रमन सरकार ने प्रदेश के हजारों युवाओं को चिटफंड कंपनी में एजेंट बनाकर युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की बात करते हुए इन चिटफंड कंपनियों को लूट की पूरी छूट दे रखी थी। रमन सिंह से लेकर भाजपा के तमाम मंत्रीगण चिटफंड कंपनियों का प्रचार- प्रसार कर फीता काटते थे, और जब चिटफंड कंपनियां धोखाधड़ी कर कर भागने लगी तो प्रदेश के शिक्षित युवाओं को इसके लिए दोषी करार देते हुए रमन सिंह की पुलिस ने सलाखों के पीछे डाल दिया जिससे कई युवाओं ने आत्महत्या करली अनेक परिवार बर्बाद हो गए। मगर आज भूपेश बघेल की सरकार ने एक और चिटफंड में निवेशकों को राशि लौटाने का कार्य किया तो वहीं दूसरी ओर चिटफंड कंपनियों के मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने बताया कि, प्रदेश में अबतक 187 अनियमित चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 427 प्रकरण पंजीबद्ध है, इनमें से 265 प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन है। अब तक चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर 9 करोड़ 32 लाख रूपए की वसूली की गई है तथा 17 हजार 322 निवेशकों को 7 करोड़ 86 लाख रूपए वापस किए जा चुके हैं।