प्रदेश में स्कूल खोले जाने का फैसला लेना है तो बच्चो की सुरक्षा की जिमेमदारी लेने से सरकार क्यों भाग रही है : भाजपा

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भाजपा से केदार कश्यप ने कहा- स्कूलों को खोलने का अधिकार पंचायतों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और पालकों पर छोड़कर कांग्रेस सरकार अब शिक्षा जैसे विषय के साथ भी खिलवाड़ कर रही

यह फ़ैसला जनस्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के प्रदर्शन के साथ-साथ कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की उस चिंता की अनदेखी है, जो वह तीसरी लहर से बच्चों में संक्रमण का हंगामा मचाकर जता रहा था

केदार कश्यप का सीधा सवाल : अभी जहाँ कोरोना संक्रमण के शून्य प्रकरण हैं, वहाँ स्कूल खुलने के बाद अगर एक भी प्रकरण सामने आया तो फिर क्या उन स्थानों के स्कूल वापस बंद कर दिए जाएँगे?

 

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार द्वारा 2 अगस्त से प्रदेश में स्कूल खोले जाने के फैसले को सरकार द्वारा भ्रमित करने वाला निर्णय बताया है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर बार की तरह स्कूलों को खोलने के मामले में भी अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराती नज़र आ रही है। श्री कश्यप ने कहा कि स्कूलों के संचालन को लेकर प्रदेश सरकार का यह फ़ैसला कन्फ़्यूज़्ड नेतृत्व की निशानी है। प्रदेश सरकार अपनी व्यवस्था तय करने के बजाय स्कूलों को खोलने का अधिकार पंचायतों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और पालकों पर छोड़कर अब शिक्षा जैसे विषय के साथ भी खिलवाड़ कर रही है।
श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल और तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच स्कूलों को शुरू करने का फ़ैसला लेकर एक तो जनस्वास्थ्य के प्रति अपनी लापरवाही का प्रदर्शन किया है, दूसरे अपनी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की हाल ही जताई गई उस चिंता को भी अनदेखा कर दिया है, जिससे बच्चों में संक्रमण का हंगामा मचाकर केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रलाप करता नहीं थक रहा था। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों को खोलने का फ़ैसला तो सुना दिया, लेकिन स्कूलों के संचालन के लिए कोई दिशा-निर्देश तय नहीं किए हैं। सरकार ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि पंचायतों, स्थानीय निकायों के पार्षद व पालक मिलकर व्यवस्थाएँ तय करेंगे। अभी जहाँ कोरोना संक्रमण के शून्य प्रकरण हैं, वहाँ स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन सरकार यह भी तो बताए कि जहाँ स्कूल खुलने के बाद अगर कोरोना संक्रमण का एक भी प्रकरण सामने आया तो फिर क्या होगा? क्या उन स्थानों के स्कूल वापस बंद कर दिए जाएँगे? श्री कश्यप ने कहा कि स्कूल खोलने और संचालित करने को लेकर प्रदेश सरकार कोई स्पष्ट नीति बना नहीं पाई है और यह भ्रमित करने वाला फ़रमान जारी कर दिया है। प्रदेश सरकार तमाम पहलुओं पर संज़ीदगी से विचार करके न केवल नीतिगत फ़ैसला करे, अपितु अपने निर्णय के क्रियान्वयन के लिए एक सुविचारित गाइडलाइन तय करके अपनी ज़िम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करे।
श्री कश्यप में कहा निजी स्कूलों को कोरोनाकाल में आ रही दिक्कतों पर सरकार ने कोई सहायता अब तक नही की साथ ही जिन शिक्षकों की दुखद मृत्यु हुई सरकार ने उनके परिवारों से भी मुंह मोड़ लिया ऐसे में सरकार न किसी बात की जिम्मेदारी लेना चाहती है न किसी की मदद करना चाहती है तो ऐसी सरकार किस काम की।

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