कोरोना से मौत के बाद भी कोविड मौत दर्ज नही तो जिम्मेदारों के खिलाफ हो एफ.आई.आर. दर्ज – बृजमोहन अग्रवाल

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दिल्ली के इशारे पर छत्तीसगढ़ में रची गई कोरोना ऑडिट की पटकथा

 

रायपुर: / 24 जुलाई 2021 —  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुये कहा है कि कांग्रेस ने एक षडयंत्र के तहत छत्तीसगढ़ को कोरोना महामारी का हाट-स्पाट बनाया। जिसके चलते प्रदेश मे 10 लाख से अधिक लोग इस षडयंत्र के शिकार हुये हैं और हजारों मौतें हुईं हैं।

श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया कि इसकी पटकथा दिल्ली मे कांग्रेस की आलाकमान ने लिखी और पूरा किया कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने। इसके प्रत्यक्ष प्रमाण अब सामने आने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पहले कोरोना की वैक्सीन , को-वैक्सीन पर भ्रम फैलाया और अब उनका का बयान इसका जीवंत उदाहरण है, जिसमे उन्होंने कोरोना की मौतों का आडिट करने की बात कही है।

श्री अग्रवाल ने सवाल उठाया कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी ? क्या प्रदेश सरकार सिर्फ आलाकमान को खुश करने के लिए, कोरोना की मौतों के गलत आंकड़े भारत सरकार को भेज रही थी ? ये दुर्भाग्यजनक और घिनौनी हरकत है, प्रदेश के लोगो को मौत के मुंह मे ढकेल कर, आलाकमान को खुश करना एक आपराधिक कृत्य है।
उन्होने आरोप लगाया कि संसद के मानसून सत्र के शुरू होने के पहले ही कांग्रेस पार्टी ने राज्य मे कोरोना से हुई मौतों का सर्वे शुरू करने की खबरे प्रचारित की, इसके बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कोरोना मौत के आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया, अब कांग्रेस पार्टी व प्रदेश सरकार खुद ही, अपने आका को सच साबित करने के लिए कोरोना मौतों का आडिट करने की बात कर रही है। प्रदेश सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी ? क्या राज्य सरकार का पूरा अमला इतना निकम्मा हो चुका था कि वो मौतों के आंकड़े भी इकठ्ठा नहीं कर पा रहा था अथवा प्रदेश सरकार जानबूझकर आला कमान के इशारो पर तब काम कर रही थी या अब ?
श्री अग्रवाल ने लोगो से आह्वान किया है कि जिन घरों मे कोरोना से मौतें हुई और उनको कोरोना मौत के रूप मे दर्ज नहीं किया गया, उसके लिए वे जिम्मेदार लोगो के खिलाफ पुलिस थानो मे केश दर्ज करायें। श्री अग्रवाल ने इसका कारण स्पष्ट करते हुये बताया कि कोरोना मरीजों की ट्रेसिंग की पूरी ज़िम्मेदारी जिला के अधिकारियों की थी, अगर मृत व्यक्ति पजिटिव्ह था, उसकी मौत हुई ,उसे किस आधार पर अधिकारियों ने कोरोना की मौत में काउंट नहीं किया।

श्री अग्रवाल ने कहा कि यदि पाजीटीव्ह था, घर पर होम आइसोलेशन मे था तो और मौत हुई तो भी उसे किस आधार पर काउंट नहीं किया गया ? कोरोना टेस्ट के बाद पाजीटीव्ह को काउंट ही न करना ये और भी खतरनाक था, क्योंकि उसने कोरोना स्प्रेडर का काम किया और इसकी ज़िम्मेदारी संबंधित अधिकारियों पर बनती है। ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कठोर धाराओ मे एफ.आई.आर. दर्ज होनी चाहिए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि लोग एफ.आई.आर.कराने मे डरें नहीं, यदि उनके साथ ऐसा हादसा हुआ है तो हमारे कार्यकर्ता स्वयं उनके साथ थाना चलकर, दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. कराने मे मदद करेंगे ।

श्री अग्रवाल ने अंत मे कहा कि लोकतन्त्र में सरकार किसी कि भी बने उसका पहला दायित्व लोगो की जान की सुरक्षा करना है लेकिन कोरोना महामारी मे कांग्रेस का आलाकमान पूरी दुनिया मे भारत बदनाम करना चाहता था, कोरोना मौतों पर भ्रम फैलाकर, जब मंसूबे पूरे नहीं हुये, तो इसका प्रयोग छत्तीसगढ़ मे किया गया। ये भयानक, भयावह और इंसानियत को लजाने वाला दुष्कृत्य है, छत्तीसगढ़ के जनता व पीड़ित लोग इसका बदला जरूर लेंगे, अब इस सरकार के दिन फिर गए हैं।

 

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