नेत्रदान के लिए परिवार को जागरुक होना जरुरी ।

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रायपुर, 31 अगस्त 2021 —  राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडा -2021 के तहत पीएचसी मंदिरहसौद में आज नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित करने को जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत व नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती सविता दीवान द्वारा समस्त हॉस्पिटल स्टाफ को अस्पताल आने वाले मरीजों को भी नेत्रदान से जुड़ी सभी जानकारी दी गई। नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती दीवान ने बताया, इस दौरान लोगों को नेत्र दान की महत्ता और नेत्र दान प्रति जागरूक के लिए लगातार संपर्क अभियान बनाते रहने पर जोर दिया। इस वर्ष 36 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा जिले की अलग-अलग संस्थाओं द्वारा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक विविध कार्यक्रम आयोजित कर मनाया जा रहा है।
श्रीमती दीवान ने कहा, “हर व्यक्ति को आंखें दान करने के लिए फार्म भरना चाहिए जिससे देश में नेत्रहीनता को खत्म किया जा सके। आंखें दान करने के लिए मौत के चार से छह घंटे तक पूरी प्रक्रिया की जानी चाहिए। किसी भी उम्र का व्यक्ति चाहे चश्मा लगा हो, आंखों का ऑपरेशन हुआ हो या लैंस भी लगे हो नेत्रदान कर सकता है। आंखें दान करने वाले की मौत के बाद तुरंत बाद ही मेडिकल कॉलेज की आंख बैंक की टीम आवेदक के घर जाती है और आंखें दान करने की प्रक्रिया 10-15 मिनट में पूरी करती है। आंखें दान करने के लिए फार्म भरने क लिए अस्पताल में संस्था प्रभारी से संपर्क किया जा सकता है”।
सहायक नेत्र अधिकारी ने बताया, “आंखे दान देने की प्रक्रिया भी गुप्त रखी जाती है। आंखें दान मे प्राप्त करने वाले हितग्राही द्वारा दानदाता की जानकारियां सार्वजनिक नहीं की जाती है। नेत्र दान के लिए परिवार के सदस्यों को जागरुक होना जरुरी है। तभी नेत्रहीनता से जुझ रहे व्यक्ति को वापस दुनिया को देखने के लिए आसानी से आंखे मिल सकती है। एक मृत व्यक्ति के आँखों से दो परिवारों की जिंदगी में रोशनी मिल सकती है। इसलिए नेत्रदान को महादान कहा जाता है”।
नेत्रदान पर निबंध प्रतियोगिता में चंद्रभान ध्रुव रहा प्रथम
नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम में स्कूली बच्चों में जागरुकता लाने मंदिरहसौद पीएससी के अंतर्गत ग्राम कुरुद (बाराडेरा) के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेत्रदान के महत्व पर आधारित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में चंद्रभान ध्रुव ने प्रथम स्थान हासिल कर 250 रुपए का पुरस्कार राशि प्राप्त किया। वहीं द्वितीय स्थान में हेमा धीवर रही जिसे 150 रुपए का पुरस्कार राशि दिया गया। प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त करने पर काजल धीवर को 100 रुपए की पुरस्कार की राशि नगद प्रदान की गई। स्कूलों में नेत्रदान के बारे में जानकारी प्रदान कर बचपन से ही बच्चों को जागरुक किया जा रहा है। ताकि आंखों की देखभाल खेलते समय जरुर कर सकें।

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