छत्तीसगढ़ में किसान, मजदूर, गोपालक, आदिवासी, युवा और आम जनता के साथ ही कर्मचारियों के साथ भी हो रहा है “न्याय“ ।

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अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत का सीलिंग हटा, अंशदायी पेंशन में 4 प्रतिशत अंशदान बढ़ा, सप्ताह में 5 दिन काम और पुरानी पेंशन योजना बहाल

समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, दूरदर्शिता, संवेदनशीलता, समृद्धि और रोजगार का उत्कृष्ट उदाहरण है, छत्तीसगढ़ मॉडल

रायपुर/31 मार्च 2022 –  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ के 20 लाख से अधिक किसानों के साथ न्याय हो रहा है, गोपालको और वनोपज संग्राहकों के साथ न्याय हो रहा है, भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ न्याय हो रहा है, उसी तरह संवेदनशील भूपेश बघेल सरकार के द्वारा राज्य के 3 लाख से अधिक कर्मचारियों के हित में भी लगातार ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। बिना किसी संघर्ष/आंदोलन के 2004 से पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली विगत 8 मार्च 2022 को बजट के दौरान कर दी गई जिसका लाभ प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को होगा। सप्ताह में 5 दिन काम, शनिवार, रविवार छुट्टी की घोषणा विगत 26 जनवरी 2022 को की गई। अंशदाई पेंशन योजना में सरकार का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया जबकि कर्मचारियों का अंशदान पूर्ववत 10 परसेंट ही। सरकार के द्वारा किए जाने वाले अतिरिक्त 4 प्रतिशत अंशदान से 520 करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष भूपेश बघेल सरकार ने मंजूर किया है। कर्मचारियों सहित महंगाई से जूझ रही आमजनता को राहत देने 22 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने डीजल पर 2 और पेट्रोल पर 1 प्रतिशत वैट दरों में कटौती की जिससे लगभग 1000 करोड़ प्रतिवर्ष के राजस्व की हानि अनुमानित है। 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मियों का संविलियन शिक्षक के रूप में कर दिया गया है, इसके साथ ही प्रधानपाठक, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति में 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए घटाकर 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति की प्रक्रिया आरंभ की गई है। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों पर 10 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर संवेदनशीलता से त्वरित निर्णय लेते हुए 3155 से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी गई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार के नए अवसर दिलाने के मकसद से “छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन“ का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से आगामी पांच सालों में लगभग 15 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य तय किया गया है। छत्तीसगढ़ में विगत तीन वर्षों में रोजगार के अवसरों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इसका लाभ युवाओं को भी मिला है। पिछले तीन वर्षों में सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालयों में सीधी भर्ती के अलावा अन्य माध्यमों से भी भर्ती की गई है, जिसके कारण 4 लाख 65 हजार से अधिक लोगों को सरकारी और अर्द्धसरकारी कार्यालयों में काम करने का अवसर मिला है। इसके अलावा 30 हजार नौकरियां नए उद्योगों में मिली हैं। प्रदेश में निजी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नौकरियों के अवसर पैदा हुए हैं। ग्रामीण अंचलों में युवाओं को निर्माण कार्यों से जोड़ने के लिए ई-श्रेणी पंजीयन कराया गया है, जिसके अंतर्गत 3 हजार से अधिक युवाओं ने पंजीयन कराया है, जिन्हें बिना टेंडर के निर्माण कार्य का ठेका दिया जा रहा है। अभी तक लगभग एक हजार पंजीकृत युवाओं को सड़क, भवन आदि निर्माण कार्य आवंटित किए जा चुके हैं। राज्य लोकसेवा आयोग से 2885 नौकरियां, व्यापम से 4530 नौकरियां, 14580 शिक्षकों की भर्तियां, बिजली कंपनी में 3000 नौकरियां, स्वास्थ्य विभाग में 4000 नौकरियां, पुलिस विभाग में 8292 नौकरियां, राजस्व विभाग में 392 नौकरियां, वन विभाग में 3861 नौकरियां, महिला एवं बाल विकास विभाग में 800 से अधिक भर्तियां की गयी, 44 विभागों में 3155 अनुकंपा नियुक्तियां, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज 1041, अन्य मेडिकल कालेजों में 230 नियुक्ति कृषि उद्यानिक में 1200 नियुक्तियां इसके अलावा 147000 अनियमित को नियमित कर रोजगार दिया। इसके अलावा नई औद्योगिक नीति से निजी क्षेत्रों में लगभग 30 हजार युवाओं को रोजगार मिले हैं। 14 लाख परिवारों को वन के माध्यम से (वनोपज संग्रहण, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग) रोजगार से जोड़ा गया तथा 26 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया। 59175 बुनकरों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया गया। सतत् समीक्षा सभी के सलाह और सुझाव को पूरा सम्मान मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता से सरकार में आम जनता की सहभागिता दिनोंदिन बढ़ रही है। यही कारण है कि समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, दूरदर्शिता, संवेदनशीलता समृद्धि और रोजगार का छत्तीसगढ़ मॉडल पूरे देश में तेजी से स्थापित हो रहा है।

 

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