मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी नरवा विकास कार्यक्रम का दिखने लगा असर… भीषण गर्मी के दिनों में भी उपचारित नरवा है पानी से लबालब।

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मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से सफर के दौरान देखा नरवा का नजारा

सुराजी गांव योजना से गांवों और ग्रामीणों की जीवन में बदलाव की बयार

रायपुर / मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम के सार्थक परिणाम अब ग्रामीण अंचल में दिखाई देने लगे हैं। सुराजी गांव योजना के प्रथम घटक नरवा विकास कार्यक्रम के चलते अब अप्रैल-मई महीने में भी बरसाती नालों में दूर-दूर तक लबालब जल भराव का नजारा देखने को मिलने लगा है। राज्य के हजारों नाले जो गर्मी शुरू होने से पहले ही दम तोड़ देते थे, उनमें अब अप्रैल-मई महीने में भी जल का भराव और बहाव बना रहने लगा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात अभियान के तहत सूरजपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान हेलीकॉप्टर से सफर करते हुए पनारी नाला में कई किलोमीटर तक जल का भराव देखकर प्रसन्नता जताई और कहा कि छत्तीसगढ़ में खुशहाली और समृद्धि के लिए बरसाती नालों का संरक्षण एवं वर्षा जल का संग्रहण जरूरी है। उन्होंने राज्य में नरवा विकास कार्यक्रम के बेहतर परिणाम के लिए इसके क्रियान्वयन में जुटे अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि जल संरक्षण के क्षेत्र में सूरजपुर जिले को राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुका है। वर्षा जल की रोकथाम के लिए सूरजपुर जिले में तालाबों, कुओं के निर्माण तथा नालों के उपचार से जल संरक्षण के साथ-साथ भू-जल स्तर को बेहतर बनाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है, जिसके चलते न सिर्फ भू-स्तर बढ़ा है, बल्कि 30 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर जिले के दौरे के दौरान हेलीकॉप्टर से पहाड़मोहिनी ग्राम पंचायत के पनारी नाले का मुआयना किया। इस नाले का उपचार नरवा विकास कार्यक्रम के तहत वर्षा जल की रोकथाम के लिए लूज, बोल्डर चेक, चेकडेम, गली प्लग, कंटूर ट्रेंच, स्टाप डेम सहित अन्य संरचनाओं का निर्माण जगह-जगह कराया गया है। जिसके चलते पनारी नाले में अब गर्मी के दिनों मंे भी जल का भराव रहने लगा है। इससे नाले आसपास के इलाकों के भू-जल स्तर में आशातीत वृद्धि हुई है। नाले के किनारे वाले किसान जल उपलब्धता सुनिश्चित होने से अब बेहतर खेती करने लगे हैं।

यहां यह उल्लेखनीय है कि नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 30 हजार नाले चिन्हांकित किए गए हैं, जिनमें वर्षा जल के रोकथाम एवं जल संचयन के लिए चरणबद्ध तरीके से उपचार के कार्य कराए जाने रहे है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं वन विभाग द्वारा राजस्व एवं वन क्षेत्रों में स्थित लगभग 8 हजार बरसाती नालों का उपचार कराए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर बेहतर हुआ है। नाले के पानी से सिंचाई सुविधा प्राप्त कर किसान दोहरी फसलें विशेषकर सब्जी की खेती करने लगे हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी है। सुराजी गांव योजना के नरवा विकास कार्यक्रम के साथ-साथ गरूवा घटक के तहत गांवों में गौठानों का निर्माण होने से पशुधन संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ गोधन न्याय योजना से गौठानों में गोबर खरीदी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति और गांवों में रोजगार का अवसर बढ़ा है। घुरूवा कार्यक्रम के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन से राज्य में अब जैविक खेती को बढ़ावा तथा बाड़ी विकास कार्यक्रम से ग्रामीण अंचल में पौष्टिक सब्जियों एवं फलों के उत्पादन से पोषण की स्थिति में भी सुधार दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सुराजी गांव योजना के चारों घटक से आज गांवों एवं ग्रामीणों की स्थिति में सकारात्मक बदलाव खुशहाली बयार बहने लगी है।

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