धर्मांतरण को लेकर विहिप की चिंता भाजपा की डूबती नैय्या बचाने का एजेंडा – सुशील आनंद

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सुप्रीम कोर्ट की चिंता के अनुसार धर्मांतरण पर कानून बनाये मोदी सरकार – कांग्रेस

भाजपा के लिये धर्मांतरण सिर्फ एक राजनैतिक एजेन्डा वह समाधान नहीं चाहता

रायपुर/ विश्व हिन्दू परिषद की बैठक में धर्मांतरण को लेकर की गयी चिंता को कांग्रेस ने भाजपा की डूबती नैय्या को बचाने का एजेंडा बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को सुप्रीम कोर्ट ने देश के लिये बड़ी समस्या बताया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद केन्द्र में बैठी मोदी सरकार का यह कर्तव्य बन जाता है कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ वह पूरे देश में एक कानून बनाये। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण को लेकर देश भर में अफवाह फैलाने और राजनीति करने का काम करती है। लेकिन जब इस मामले में ठोस पहल करने या कानून बनाने की बात आती है तब भाजपा की नीयत में खोट साफ नजर आता है। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नही चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। सुप्रीम कोर्ट धर्मांतरण पर चिंतित है वह देश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनने की वकालत कर रही है। ऐसे में मोदी सरकार इस मामले पहल कर शीघ्र कानून बनाना चाहिये। अलग-अलग राज्य धर्मांतरण के मामले में कानून बना रहे है। लेकिन जब यह समस्या पूरे देश की है तब एक राष्ट्र एक कानून के सिद्धांत का पालन धर्मांतरण में भी होना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विहिप अपने बैठक में धर्मांतरण को लेकर चिंता व्यक्त करती है लेकिन अपने ही सहयोगी केन्द्र सरकार को कानून बनाने के लिये उसने कोई प्रस्ताव पारित नही किया। राष्ट्रीय स्वंय सेवक भाजपा धर्मांतरण को लेकर ईसाईयो के उपर आरोप लगाती है लेकिन आरएसएस स्वंय ईसाई समुदाय के लिये क्रिसमस का भोज आयोजित करवाती है। संघ का यह दोहरा चरित्र यह बताने के लिये पर्याप्त है कि संघ के लिये धर्मांतरण और सांप्रदायिकता ऐसा राजनैतिक एजेंडा है जो वह समय-समय पर भाजपा की राजनैतिक जरूरतों के अनुसार बदलती रहती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर जो विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रही है उसके पीछे भाजपा का षड़यंत्र और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की अदूरदर्शिता है। भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों में छत्तीसगढ़ धर्मांतरण का केंद्र बन गया था। 15 सालो तक इन गतिविधियां को रोकने की दिशा में भाजपा की रमन सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया। तब धर्मांतरण की गतिविधियों को संचालित करने वालों का दखल तत्कालीन सीएम हाउस तक था, राज्य सरकार उनके प्रति नर्म सख्त अख्तियार किये हुये थी 2004 से 2018 तक बस्तर में अधिकांश चर्च बने। भाजपा के नेता मंत्री प्रार्थना सभाओं में शामिल हुआ करते थे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 98 प्रतिशत चर्च भाजपा के रमन राज में बने। क्रोनोलॉजी समझिये अपने शासनकाल में धर्मांतरण करवाया तब भाजपा मौन थी आज भारतीय जनता पार्टी के नेता धर्मांतरण पर बयानबाजी कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे है। भाजपा के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष दंगे कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विहिप आरएसएस भाजपा एक धर्मांतरण की बातें करके बहुसंख्यक वर्ग में भ्रम फैलाकर भाजपा के राजनैतिक आकांक्षाओं की पूर्ति करना चाहती है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास जनहित के मुद्दों को उठाने के लिये कोई विषय ही नहीं बचा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार हर वर्ग के भले के लिये काम कर रही है। किसान, युवा, आदिवासी महिला, मजदूर किसी की कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिस पर जनता का ध्यान खींच सके ऐसे में भाजपा अपने राजनैतिक पुर्नव्यवस्थापन के लिये आरएसएस के साथ मिलकर धर्मांतरण और सांप्रदायिकता का गंदा खेल खेलने का षड़यंत्र कर रही है। बहुसंख्यक वर्ग में धर्म की हानि का भय दिखा कर भाजपा मतों का ध्रुवीकरण करना चाहती है, लेकिन देश की जनता भाजपा के सांप्रदायिक चरित्र को पहचान चुकी है। अब उनकी विद्वेष फैलाने की राजनीति नहीं चलने वाली।

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