बेरोजगार युवा अब बिना किसी चिंता के कर रहे हैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी ।

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बेराजगारी भत्ता से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हुई आसान

रायपुर / घर की माली हालत की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का खर्च उठाना किसी भी प्रतिभागी के लिए आसान नहीं होता है। इस वजह से कई युवा घर के रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए कुछ काम करने लग जाते हैं। आज के दौर में जहां नौकरियां पाने के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है। ऐसे में अपनी और घर की जरूरतों के लिए कुछ काम करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना ने ऐसे युवाओं की मुश्किलें काफी हद तक आसान कर दी है। इस योजना के माध्यम से बेरोेजगार युवाओं को प्रतिमाह 2,500 रूपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। बेरोजगारी भत्ता पाने वाले युवा अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताते हैं कि यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्हें अब अपने सपनों को पूरा करने में पूरा समय मिल पाएगा। घर की आर्थिक स्थिति बाधक नहीं बनेगी।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही मनेंद्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चैनपुर की रहने वाली सुश्री मीनू चौरसिया ने बताया कि उनके पिताजी होटल व्यवसाय में काम करते हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पहले उन्हें पुस्तक, स्टेशनरी और परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक जरूरतों के लिए पैसों की बहुत दिक्कत होती थी। परंतु बेरोजगारी भत्ता मिलने से उन्हें पुस्तक, कॉपी, पेन, प्रतियोगी पुस्तकें व परीक्षा फॉर्म भरने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने यूट्यूब में पढ़ाई करने के लिये नेट रिचार्ज भी कराया है।

मीनू चौरसिया की तरह ही अंबिकापुर में रहने वाली सुभद्रा मिंज व स्टेला लकड़ा किराए में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। बेरोजगारी भत्ता मिलने से पुस्तक, कॉपी, पेन, प्रतियोगी पुस्तकें व परीक्षा फॉर्म भरने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमें अब आर्थिक रूप से परिजनों पर आश्रित नहीं रहना पड़ रहा। इसी तरह लखनपुर निवासी उमेश चौधरी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता का उपयोग वे अपनी जरूरत के हिसाब से पढ़ाई लिखाई की सामग्री खरीदने में कर रहे हैं जिससे उन्हें पढ़ाई में परेशानी नहीं हो रही है।

एमएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई पूर्ण कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली कोरबा की सुश्री राजलक्ष्मी राठौर के पिता एक स्टाम्प वेंडर हैं, उनकी आय बहुत कम है। इससे उन्हें परीक्षा की तैयारी करने में बहुत बाधाएं आ रही थी। राजलक्ष्मी कहती है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बेरोजगारी भत्ता योजना प्रारम्भ करने से गरीब एवं बेरोजगार युवाओं में शासकीय नौकरी की तैयारी के लिए उम्मीद की एक नई किरण जगी है। इसी प्रकार रामपुर के रहने वाले शुभाशीष हो या छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों के रहने वाले गायत्री दुबे, लोकेश साहू, हीरा कुमारी महिलांग, अजय मनहर, भीषम जांगड़े, चन्द्र विजय दुबे या इनके जैसे लाखांे युवा, इन्हें बेरोजगारी भत्ता ने सहारा दिया है कि वे उनके सपनों को पूरा करने में आर्थिक स्थिति अब बाधक नहीें बनेगी।

बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत अब तक एक लाख 5 हजार 395 युवाओं के खाते में हितग्राहियों को प्रथम और द्वितीय किश्त के रूप में कुल 48 करोड़ 89 लाख 87 हजार 500 रूपए की राशि अंतरित की जा चुकी है। युवा जब बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन कर रहे हैं, जब उन्हें प्रशिक्षण के लिए विकल्प भी दिया जा रहा है ताकि उन्हें नौकरी अथवा व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके। अब तक 1701 युवाओं का लाइवलीहुड कालेज सहित 33 संस्थानों में कौशल प्रशिक्षण आरंभ हो चुका है।

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