विजय बघेल की हैसियत नहीं कि वो मुख्यमंत्री को चैलेंज करें? – धनंजय सिंह

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गेड़ी चढ़ने का चैलेंज रमन सिंह को वो क्यों चुप हैं?

रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गेड़ी दौड़ की चुनौती देने के पहले विजय बघेल अपनी राजनैतिक हैसियत को देखें, अभी वे इतने बड़े नहीं हुये है कि वे मुख्यमंत्री को चुनौती दें। गेड़ी चढ़ने की चुनौती रमन सिंह को दी गयी रमन सिंह इस चुनौती पर क्यों मौन हैं?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सिंह घबराकर विजय बघेल को आगे कर रहे है। गेड़ी चढ़ना हो तो विजय बघेल, चुनाव जीतने मूंछ दाव में लगाना था तो कुंवर दिलीप सिंह जूदेव और 15 साल तक सत्ता की मलाई खाये डॉ. रमन सिंह और उनके परिजन। यही भाजपा का छत्तीसगढ़ियाँ विरोधी चरित्र है। 15 साल में कभी विजय बघेल को भी भाजपा कार्यालय में गेड़ी चढ़ते नही देखा, न गेड़ी दौड़ कराते सुना। विजय बघेल छत्तीसगढ़ियाँ है उन्हें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, तीज-त्यौहार, रहन-सहन, खान-पान, बोली, भाषा का ज्ञान है। पर वो 15 साल के रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ संस्कृति को दोयम दर्जे से देखने पर मौन क्यो थे? विजय बघेल 15 साल कुर्सी दौड़ में लगे थे उन्हें कभी गेड़ी की याद नही आई ऐसा क्यो?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जो भाजपा के नेता कल तक कहते नहीं थकते थे कि वो छत्तीसगढ़ियावाद की बात नहीं करेंगे, वो आज अगर छत्तीसगढ़ियावाद की बात कर रहे, निभा रहे तो यह भूपेश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है, विजय बघेल को 15 साल के रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ियों के हुए तिरस्कार के लिए पहले माफी मांगना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने भाजपा नेताओं को गेड़ी चढ़ने, भंवरा चलाने, ठेठरी, खुरमी खाने और छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर मोदी की सभा के पोस्टर में लगाने को मजबूर कर दिया। 15 साल के रमन सरकार के दौरान यह चीजें कहीं भी नजर नहीं आती थी बल्कि छत्तीसगढ़िया भाखा में बोलने और गले में गमछा डालने वालों को भाजपा के नेता तिरस्कार भरे नजरों से देखते थे।

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