सर्व आदिवासी समाज नही लड़ेगा विधानसभा चुनाव
समाज के पदाधिकारीयों ने मंत्री अमरजीत भगत को सौपा ज्ञापन, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के बातों का किया खण्डन
15 दिनों के भीतर अरविन्द नेताम से माँगा स्पस्टीकरण नहीं तो समाज करेगा कानूनी कार्यवाही
रायपुर – सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज आरक्षित 30 विधानसभा सीटों सहित 50 सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कही थी, इन बातों का सर्व आदिवासी समाज ने खण्डन करते हुए खबरों को भ्रामक बताया हैं।
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष भारत सिंह ने संरक्षक मंत्री अमरजीत भगत को लेटर प्रेषित करते हुए बताया कि – विगत दिनों में सोशल मीडिया और कुछ समाचार-पत्रों में खबरें आई है “श्री अरविंद नेताम पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दिया है कि सर्व आदिवासी समाज की ओर से छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों के आरक्षित सीट और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों से 2023 के चुनाव में प्रत्याशी उतारा जायेगा।”
श्री अरविन्द नेताम के उक्त बयान का छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (पंजीयन क्रमांक-4230) खंडन करता है।
समाज के अध्यक्ष ने मिडिया को बताया कि सर्व आदिवासी समाज एक सामजिक संगठन है समाज के उत्थान और विकास के लिए संगठन का निर्माण हुआ है और यह राजनैतिक चुनाव नहीं लड़ेगा और न ही अपना प्रत्याशी उतारेगा। छ.ग. सर्व आदिवासी समाज एक सामाजिक पंजीकृत संस्था है, जिसका पंजीयन क्रमांक 4230 दिनांक 08.04.2013 है। इसका उद्देश्य समाज को संगठित करना है, चुनाव लड़ना नहीं है बल्कि आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारी के संरक्षण एवं क्रियान्वयन कराना है। इस संगठन में राज्य के 42 जनजातियों के 78.22 लाख आदिवासियों का आस्था है और ये सब संगठित होकर अपने संवैधानिक अधिकार को प्राप्त करने के लिये हमेशा तत्पर है। छ.ग. सर्व आदिवासी समाज से जुड़े हुये अधिकाश सामाजिक सदस्य सामाजिक विचारधारा से ओतप्रोत है और वे सामाजिक आंदोलन में सक्रियता से बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं। इसी का नतीजा है कि अपने गठन से लेकर आज तक सर्व आदिवासी समाज 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्राप्त करने, भू-राजस्व संहिता की धारा-165 (6) में संशोधन को रोकने, पेसा काननू को लागू कराने, वनाधिकार अधिनियम 2006 का क्रियान्वयन अधिक से अधिक लघु वनोपज को MSP के दायरे में लाने जैसे और कई उपलब्धियां हासिल किया गया है। केवल कुछ ही सदस्य ऐसे हैं जो किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुये होते है या उनके समर्थक होते हैं ये भी सर्व आदिवासी समाज के मुद्दों को अपने पार्टी में प्रमुखता से रखते हैं।
विगत विधानसभा चुनाव 2018 में भी माननीय श्री अरविन्द नेताम जी द्वारा सर्व आदिवासी समाज के ऊपर ऐसे ही दबाव डाला गया था जिसे समाज द्वारा खारिज कर दिया गया था। श्री नेताम जी द्वारा अब 2023 में सर्व आदिवासी समाज के नाम का गलत एवं फर्जी तरीके से उपयोग किया जा रहा है. इनके कार्यकारी अध्यक्ष श्री भगवान सिंह रावटे द्वारा पंजीयक फर्म्स एवं सोसायटी छत्तीसगढ़ रायपुर में हमारी संस्था से मिलता-जुलता नाम छत्तीसगढ़ राज आदिवासी समाज के नाम से 30.09.2021 को पृथक संस्था का पंजीयन कराया गया है और इस नाम का उपयोग नहीं करते वरन प्रदेश में जाने एवं माने वाले हमारी प्रतिष्ठित संस्था छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के नाम का फर्जी तरीके से दुरूपयोग कर रहे हैं। जिसका छ.ग. सर्व आदिवासी समाज कड़ी निंदा करती है।
हमारी संस्था पूर्ण रूप से एक सामाजिक संगठन है, राजनैतिक संगठन नहीं है। विदित हो कि श्री अरविन्द नेताम अध्यक्ष और श्री बी.एस. रावटे कार्यकारी अध्यक्ष बताते हुए लेटर पेड बनाये हैं परन्तु कानूनी दांव-पेंच से बचने के लिए पंजीयन क्रमांक का उल्लेख नहीं कर रहे हैं, इसके स्थान पर रूढीजन्य परम्परा पर आधारित अंकित किया गया है। इस लेटर पेड से सामान्य आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। जबकि इनके द्वारा अपने संगठन का पृथक पंजीयन भी कराया जा चुका है। जिसका नाम “छत्तीसगढ़ राज आदिवासी समाज” और पंजीयन क्रमांक 2169440 दिनांक 30.09.2021 है। परन्तु इसका उपयोग नहीं करते वरन हमारे संस्था के नाम का बैनर का उपयोग करते हुए आदिवासियों को बरगलाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिष्ठित नाम का दुरूपयोग कर समाज को गुमराह कर अपना राजनैतिक लाभ लेने वालों से सावधान रहे। आप अपने जिले में ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर भी पदाधिकारियों को सत्यता की जानकारी देंवे तथा प्रचार-प्रसार भी करें।