छत्तीसगढ़ में ईडी एक विभाग में गड़बड़ी नहीं खोज पाती तो दूसरे में लग जाती है-कांग्रेस
छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं के यहां ईडी कब छापा मारेगी
मोटर सायकल में चलने वाले भाजपा नेता अरबों की संपत्ति की मालिक कैसे बन गये?
रमन के नान, चिटफंड, पनामा घोटाले की जांच क्यों नहीं हो रही?
रायपुर/ ईडी पूरी तरह से भाजपा के इशारों पर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिये षड़यंत्र कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी की कार्यवाही का तरीका और ईडी की कार्यप्रणाली बता रही है कि पूरी कार्यवाही विद्वेषपूर्ण और 2023 के चुनाव के पहले कांग्रेस की चुनावी गतिविधियों को बाधित करने का है। ईडी पहले कोल माईनिंग, आबकारी फिर डीएमएफ, चावल, अब जल जीवन मिशन को लेकर कार्यवाही की बातें सामने आ रही है। पूरे देश में किसी एक राज्य सरकार के खिलाफ इतने सारे विभागों पर कार्यवाही यह बताने और समझने के लिये पर्याप्त है कि छत्तीसगढ़ में ईडी भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति में लगी हुई है। ईडी जब एक विभाग में गड़बड़ी नहीं खोज पाती तो दूसरे में लग जाती है। ईडी की कार्यवाही के बाद भाजपा नेताओं की बयानबाजी भी यह साबित करती है कि ईडी की पटकथा का भाजपा नेता मिट्ठू की भांति पढ़ते है।
कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से पूछा है कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं के यहां छापेमारी की कार्यवाही कब से की जायेगी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल के सरकार में भाजपा के अनेक नेता फर्श से अर्श पर पहुंच गये। कुछ भाजपा के ऐसे नेता है जो भाजपा की सरकार बनने के पहले खटारा यामहा मोटर सायकल पर चला करते थे। 15 साल मंत्री रहे उनकी संपत्ति हजारो करोड़ो रूपयो में पहुंच गयी। कारोबारी पारिवारिक पृष्ठ भूमि के मंत्री रहे भाजपा नेता जिनके परिवार की कारोबारी हालत भाजपा की सरकार के पहले दिवालिया होने की थी वे और उनके भाई 15 साल में अकूत धन सपंदा के मालिक बन गये। इनके यहां ईडी छापेमारी करने कब जायेगी। छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है। इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में मुख्य अभियुक्त ने नार्कोटेस्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और आधा दर्जन मंत्रियो को करोड़ो रू. देना स्वीकार किया था ईडी इसकी जांच कब करेगी?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी रमन सिंह सरकार के घोटालों की जांच कब करेगी? 36000 करोड़ का नान घोटाला और 6200 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन सिंह सरकार का वह घोटाला है जिसमें सीधे आम आदमी के साथ लूट की गयी है। इन दोनों ही घोटालों में तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के प्रमाण भी सामने आये है और इसमें रूपयों का भी लेनदेन हुआ है। किसी भी प्रकार के नगदी अवैध लेनदेन की जांच प्रत्यावर्तन निदेशालय के द्वारा की जानी चाहिये। इन दोनों ही मामलों में पुलिस अपना काम कर रही है और आपराधिक मामलों की जांच भी हो रही। पनामा पेपर के अभिषाक सिंह की जांच कब होगी? रमन सिंह तो स्वयं को ईडी का प्रवक्ता भी घोषित कर चुके है ऐसे में उन्हें स्वयं होकर ईडी से जांच की मांग का समर्थन करना चाहिये। रमन सिंह की घबराहट और बौखलाहट बताती है कि वे जांच की मांग से डर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी की कार्यवाही और कार्यप्रणाली दोनों लगातार सवालों के घेरे में रहती है। ईडी बताएं कि पिछले 8 साल में कितने भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों के लोगों के यहां छापे की कार्यवाही की गयी? देश में सारी अनियमितता विरोधी दल के लोग ही कर रहे है, भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेता दूध के धुले हुए है? ईडी, आईटी और भाजपा का जो नापाक गठबंधन देशभर में दिख रहा, लोग जानना चाहते है ये रिश्ता क्या कहलाता है? 8 सालो में 6000 छापे मारने वाली ईडी सिर्फ 23 मामलों में ही सबूत दे पाई है मतलब ईडी सिर्फ भाजपा के विरोधियों की छवि खराब करने का काम कर रही।