मोदी सरकार यात्री रेल को बंद करने का साजिश रच रही है – कांग्रेस

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पत्रकार वार्ता

कांग्रेस रेलवे सुविधाओं की बहाली के लिये करेगी आंदोलन

मोदी सरकार रेल को अडानी को बेचना चाह रही

रेलवे को बचाने कांग्रेस करेगी आंदोलन :13 को होगा रेल रोको आंदोलन

पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है।

यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके।

मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है।

पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया, आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्षवार निरस्त हुई ट्रेनों की पूरी जानकारी
वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2021 में 32151 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2023 में (अप्रैल माह तक) 208 ट्रेनें निरस्त की
वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम तक रद्द की गयी है।

छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें येन मौके पर कैंसिल कर दी जाती है रक्षाबंधन, दीवाली, शीतकालीन और शादी-ब्याह के समय खासकर
रक्षाबंधन 2023-2 से 8 सितंबर को 22 ट्रेने निरस्त की गयी।
रक्षाबंधन 2022 -29 अगस्त से 6 सितंबर के बीच छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 58 ट्रेने अचानक निरस्त कर दी गयी।
18 अगस्त 2022 को 62 ट्रेनें
शीतकालीन के समय 6 से 10 दिसंबर 2022 को 36 ट्रेनें अचानक रद्द
दीवाली के समय 24 अक्टूबर 2022 को दो दर्जन ट्रेनें रद्द
इसी तरह शादी ब्याह और परीक्षा के समय मोदी राज में पिछले 9 साल से ट्रेनें रद्द।
छत्तीसगढ़ से जाने वाली नौतनवा और सारनाथ एक्सप्रेस 64 दिन तक रद्द कर दी गयी जिसके कारण दो महिने तक अस्थि कलश गंगा में विर्सजित नहीं कर पाये।

भाजपा राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुर्गों की छूट खा गए, छात्रों को मिलने वाली रियायत खा गए, किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकिट तक में कई गुना वसूली, दैनिक यात्री सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं, कामगार नौकरीपेशा आम यात्री सभी मोदी राज़ में उपेक्षा पीड़ित और प्रताड़ित है।

छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्रियों, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र छात्राएं, स्टेशन के कुली और आटो चालकों की समस्या पर भाजपा नेता मुंह में दही जमाकर बैठे हैं। मोदी शाह के अधिनायकवाद के डर से वरिष्ठ भाजपा जनप्रतिनिधि भी जनता के प्रति अपने कर्त्तव्य निभाने से भाग रहे हैं।

बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है यहां से केवल माल भाड़े से केंद्र की मोदी सरकार 20000 से 22000 करोड रुपए हर साल कमाती है। रेलवे मालाभाड़ा से 2020 की तुलना में 2021-22 में 38 प्रतिशत से अधिक वृद्धि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन से केंद्र सरकार को शुद्ध कमाई में हुई है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत 9 साल से मोदी राज में छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केंद्र की उपेक्षा ही मिली है। भाजपाई बताएं कि छत्तीसगढ़ के यात्रियों से आखिर किस बात का बदला ले रही है मोदी सरकार? अडानी के हित आम आदमी के हित से ज्यादा जरूरी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दर्जनों बार देश के प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था को दुरुस्त करने अनेकों पत्र लिखा है लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र की उपेक्षा, भेदभाव और अव्यवस्था यथावत जारी है। केंद्र की मोदी सरकार को देश भर में सबसे ज्यादा कमाई करके देने वाले बिलासपुर जोन, जिसके अंतर्गत पूरा छत्तीसगढ़ आता है वहीं के यात्रियों को सुविधा से वंचित और उपेक्षित रखा जा रहा है। भाजपाई बताए कि अचानक दर्जनों ट्रेनें निरस्त करके प्रताड़ित करने का कारण क्या है?

पूर्ववर्ती सरकारें रेलवे को नागरिकों की सुविधा के लिये चलाती थी, मोदी सरकार कमाने के लिये जनता को लूटने के लिये इस्तेमाल कर रही। देश भर में कोरोना के सारे प्रतिबंध हटा दिये गये लेकिन रेलवे कोरोना के नाम पर जनता को मिलने वाली सारी सुविधाये बंद कर दिया। वृद्ध, विकलांग, छात्रों की सुविधायें हटा दिया। रेलवे स्टेशन पर टिकिट बिक्री बंद कर टिकिटों के दाम बढ़ा दिया गया।

भाजपा और केंद्र दावा करता है कि मेन्टेनेंस के कारण ट्रेन रद्द होती है। ट्रेन मेन्टेनेंस के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ियों का परिचालन कैसे किया जा रहा है। न सिर्फ मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दोगुनी भी कर दी गयी है। छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है। हमारे यहां कोयले का प्रचुर भंडार है। इसका मतलब यह तो नहीं कि खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। जिन मार्गो पर ट्रेनों को बंद किया गया वहां पर कुछ दूसरी ट्रेन चलेगी। धड़ल्ले से मालवाहन ट्रेन भी चलेगी। फिर शेष ट्रेनों को चलाने में क्या परेशानी होगी? जब सवारी ट्रेनों से 50 गुना ज्यादा वजन लेकर मालगाड़ियां चल सकती है तब सवारी गाड़ी को ही क्यों बंद किया गया?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बिलासपुर से सांसद है, प्रदेश की जनता ने केंद्र में चुनकर भेजा है लेकिन वे जनता के प्रति अपना धर्म निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। देशभर में सबसे ज्यादा पीड़ित, प्रताड़ित और उपेक्षित बिलासपुर जोन के ही छत्तीसगढ़ के रेल यात्री हैं। विगत सवा 3 साल के भीतर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 67 हज़ार से अधिक ट्रेनें निरस्त की गई लेकिन दलीय चटुकारिता में छत्तीसगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित 9-9 सांसद मौन क्यों हैं?

रेलवे सुविधाओं की बहाली और रेल को बंद करने की केंद्र सरकार के साजिश के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है जिसके तहत 9 से 13 सितंबर को चरणबद्ध विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे-
9 सितंबर को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में पत्रकारवार्ता के बाद ज्ञापन सौंपा जायेगा।
10, 11 एवं 12 सितंबर को पाम्पलेट-पोस्टर वितरण एवं चस्पा कार्यक्रम, यदि केंद्र सरकार नहीं मानी तो 13 सितंबर को प्रदेश के समस्त रेलवे स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन किया जायेगा।

पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, अजय गंगवानी, प्रकाश मणी वैष्णव, अजय साहू, शशि भगत, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।

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