धांधली, गड़बड़ी, पक्षपात और भ्रष्टाचार भाजपा का चरित्र है पारदर्शी तरीके से हो रही भर्ती को बाधित करने भाजपाई षड़यंत्र रच रहे हैं – सुरेंद्र वर्मा

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युवाओं के सरकारी नौकरी के अधिकार को बेचने वाले भाजपाई किस नैतिकता से आरोप लगा रहे हैं,

सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर नियमित पदों पर हो रही भर्ती प्रक्रिया का विरोध भाजपा की हताशा, निराशा और युवा विरोधी सोच है


रायपुर/11 सितंबर 2023। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली, गड़बड़ी, पक्षपात और भ्रष्टाचार भाजपा का चरित्र है, भाजपाइयों को अब भी रमन राज के पाप याद आ रहे हैं। वन विभाग में भी भर्ती में पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया का पालन हो रहा है तो छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को पीड़ा हो रही है। पिछले 5 महिनों के दौरान छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में नियमित पदों पर भर्ती के लिए 40 हज़ार से अधिक रिक्तियां निकाली गई है। युवाओ को लगातार मिल रहे बेहतर अवसर से कुंठित भाजपाई तथ्यहीन आरोप लगाकर भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे है। निगम, मंडल, आयोग, आरडीए, एनआरडीए और सरकारी विभागों को चारागाह समझने वाले भाजपाई, भरोसे की सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। 2003 में भाजपा ने वादा किया था प्रत्येक आदिवासी परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का 15 साल सरकार में रहते याद नहीं आया। 2003 में ही अपने संकल्प पत्र में भाजपा ने कहा था प्रत्येक बारहवीं पास युवा को 500 रूपए बेरोजगारी भत्ता देंगे दिए नहीं। कहा था हर गांव में एक महिला और एक पुरुष को ग्राम प्रहरी बनाएंगे बनाया नहीं। 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने भी वादा किया था की हर साल 2 करोड लोगों को नौकरी देंगे विगत 9 वर्ष में मिलना था 18 करोड़ युवाओं को नई नौकरी लेकिन क्या उल्टे, करोड़ों लोगों की लगी लगे नौकरी छिन गई। सरकारी उपक्रम सरकारी संसाधन नवरत्न कंपनी और सरकारी विभागों की संपत्ति बेचकर युवाओं के सरकारी नौकरी के अधिकार को बेचने का काम कर रही है मोदी सरकार।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल रमन सरकार के कुशासन में नियमित शिक्षक के एक भी पद पर भर्ती नहीं हुई थी, भूपेश सरकार में आते ही पहले 14580 शिक्षक नियुक्त किया, एक 1 लाख 47 हज़ार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया उसके बाद हाल ही में 12500 पदों पर भर्ती की है। उच्च शिक्षा विभाग में पूर्व में 1465 पदों पर नियुक्ति के बाद अब 1800 नए पद स्वीकृत किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में 4000 पद पदों पर भर्ती के बाद डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के 3500 पद, होमगार्ड में 1600 पद, पुलिस सब इंस्पेक्टर के 1000 पर भी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। वेटरनरी फील्ड ऑफिसर के 150 पद, मत्स्य निरीक्षक के 150 पद, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में 40 पद, संयुक्त भर्ती परीक्षा के माध्यम से 200 पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया चालू की गई है। वनरक्षक के 600 पद वन परिक्षेत्र अधिकारी के 70 पद आयुष विभाग में 1431 महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक के 300 पद के साथ ही पीएससी और व्यवहार न्यायाधीश सहित अन्य विभागों में लगभग 2000 पदों पर प्रक्रियाधीन है अर्थात पूर्व की नियुक्तियों को छोड़ दे तो हाल ही में विगत 5 महीना के भीतर 40 हज़ार से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त असंगठित क्षेत्र निजी उद्योग और व्यवसाय में भी बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। रमन राज में वादाखिलाफ़ी करने वाले भाजपाई अब भर्ती प्रक्रिया को बहाना बनाकर छत्तीसगढ़ के  युवाओ को मिल रहे अवसर से वंचित करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सिंह के कुशासन में युवाओ के सरकारी नौकरी रोजगार के अवसर को आउटर्सोसिंग करके बेचा गया। अब नियमित पदों पर सीधी भर्ती हो रही है तो भाजपाई षडयंत्र रच रहे हैं। सितंबर 2018 में तत्कालीन रमन सिंह के समय छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत थी जो देश में सर्वाधिक थी। भूपेश पर भरोसे की सरकार में छत्तीसगढ़ में आम जनता की समृद्धि के साथ ही रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं उसी का परिणाम है कि विगत 1 वर्ष से छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम एक और आधे प्रतिशत के भीतर बनी हुई है। रमन राज के 15 साल के कुशासन में कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत, नक्सलवाद, गरीबी और बेरोजगारी ही छत्तीसगढ़ की पहचान बना दी गई थी। छत्तीसगढ़ के युवा भाजपा के भ्रष्टाचार को भूल नहीं है 2007 के पीएससी भर्ती घोटाले में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में कड़े कमेंट किया था, गंभीर अनियमितता भ्रष्टाचार और त्रुटिपूर्ण प्रक्रिय के लिए तत्कालीन रमन सरकार को फटकार लगाया था। दलीय चाटुकारिता में भारतीय जनता पार्टी के नेता युवाओं को बेहतर रोजगार और नौकरी के अवसर का भी विरोध करने से नहीं चूक रहे हैं।

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