सुंदरानी जिसमें खुद की टिकट लाने का दम नहीं वो छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री को चैलेंज कर रहे – धनंजय सिंह

0

रायपुर/20 अक्टूबर 2023। पूर्व विधायक एवं प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जिस सुंदरानी में खुद की पार्टी में टिकट लाने का दम नहीं है वह व्यक्ति भूपेश बघेल को चुनाव लड़ने और लड़वाने के लिये चैलेंज करे ये हास्यास्पद है। 71 सीटों के बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल को सुझाव देने के बजाय सुंदरानी अपनी बीजेपी पार्टी को सुझाव दें कि किस प्रकार वर्तमान के 13 सीटों बचाये। छत्तीसगढ़ियावाद पर बात करने वाले सुंदरानी को पता है 15 साल में रमन सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां के लोगों को दबाने और कुचलने का काम किया है। भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ की जनता छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सम्मानित और संरक्षित होता देख गर्व महसूस कर रही है। पंद्रह साल के रमन राज में छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य बन गया था और यहां की जनता बदहाल हो चुकी थी, भूपेश बघेल ने आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया है। भूपेश बघेल ने शुद्ध मन से छत्तीसगढ़ की जनता के आर्थिक प्रगति और छत्तीसगढ़ पूरे देश में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जिस पार्टी ने अपने 15 साल के शासन काल में नक्सलवाद को दो ब्लॉक से 14 जिलों तक पहुंचा दिया उस पार्टी के नेता झूठ बोलने में बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है कि रमन सरकार ने नक्सलवाद पर अंकुश लगाया। रमन सरकार के समय झीरम घाटी जैसी बड़ी घटना हुई जिसमें कांग्रेस पार्टी के प्रथम पंक्ति के सभी नेताओं की शहादत हो गई। रमन सरकार में ही ताड़मेटला और मदनवाड़ा जैसे कई बड़े नक्सली हमले हुए जिसमें सैकड़ो जवानों और पुलिस अधीक्षक तक की शहादत हुई। आदिवासियों के निरंतर शोषण और दमन के कारण नक्सलवाद बढ़ता चला गया। रमन राज में आदिवासियों की जमीन छीनी गई, उन्हें नक्सली बताकर फर्जी एनकाउंटर में मारा गया, नक्सली बताकर जेल में डाल दिया गया। रमन सरकार द्वारा बस्तर की युवतियों को बार में शराब परोसने प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना लाई थी। मड़कम हिडमें जैसी असंख्य आदिवासी महिलाओं का बलात्कार व फर्जी एनकाउंटर नक्सली बताकर कर दिया गया। मगर आज भूपेश सरकार द्वारा लाई गई नवाचारी योजनाओं, महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से आदिवासी महिलाएं बेहतर आय प्राप्त कर सम्मान पूर्वक जीवन भी जी रही हैं और अपने परिवार को आर्थिक संबल भी प्रदान कर रही हैं। डेनेक्स देश की एकमात्र ऐसी गारमेंट फैक्ट्री है जिसका संपूर्ण संचालन बस्तर व दंतेवाड़ा की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। पहले बस्तर के दंतेवाड़ा में नक्सलीयों के गोलियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती थी अब महिलाओं द्वारा संचालित डेनेक्स फैक्ट्री के मशीनों की आवाज सुनाई देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *