हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया: मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ रमेश सिन्हा

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ऐसे समाज की स्थापना हो जहां समानता हो, जहां महिलाएं अपने आप को सशक्त व सुरक्षित महसूस कर सकें

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस“ की पूर्व संध्या पर अधिवक्ता संघ दुर्ग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्य न्यायाधीश

रायपुर / अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर अधिवक्ता संघ, दुर्ग द्वारा न्यायालय परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा सम्मिलित हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की आज हर क्षेत्र में भागीदारी है, चाहे वह न्यायपालिका हो, सामान्य प्रशासन विभाग हो, राजनीति में हो, चाहे वो अंतरिक्ष में हो, हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। महिलाओं को उनकी त्याग भावना के कारण पुरूषों से अधिक महत्व दिया गया है। महिलाएं जो अपने परिवार को देखती हैं साथ ही कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य भी करती है। यह बहुत ही सराहनीय है। महिला अधिवक्ताओं की भूमिका को अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण बताते हुए उनके न्याय व्यवस्था के प्रति समर्पण की प्रशंसा किये।

मुख्य न्यायाधीश ने उपस्थितजनों, विशेष रूप से महिला अधिवक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले के सामान्य प्रशासन, न्याय व्यवस्था व अधिवक्ताओं की बागडोर महिला अधिकारियों के हाथों में है। जिले की न्याय व्यवस्था की बागडोर श्रीमती नीता यादव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग, प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला कलेक्टर दुर्ग व अधिवक्ता संघ की बागडोर सुश्री नीता जैन, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ के हाथों में है।

न्यायामूर्ति श्री सिन्हा ने कहा कि महिला दिवस “लैंगिक समानता“ के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने दुर्ग जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की भागीदारी के विषय पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित समस्त महिला न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं व अन्य न्यायिक कर्मचारियों को रविन्द्र नाथ टैगोर की पंक्तियों के माध्यम से संदेश दिया कि “महिला शक्ति इस ब्रम्हाण्ड की सबसे पुरानी शक्ति है। ब्रम्हाण्ड की रचना इसी नारी शक्ति से हुई है तथा पूरी पृथ्वी इस शक्ति से घिरी हुई है। महिला शक्ति द्वारा हर बाधा को दूर करते हुए एक ऐसे समाज की स्थापना की जाए जहां समानता हो तथा जहां महिलाएं अपने आप को सशक्त व सुरक्षित महसूस कर सकें।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल श्री सुधीर कुमार, संयुक्त रजिस्ट्रार सह प्रधान निजी सचिव श्री एम.व्ही.एल.एन. सुब्रमण्यम, सहायक रजिस्ट्रार श्री रवीन्द्र सिंह नेगी, तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग श्रीमती नीता यादव, दुर्ग कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला, जिला न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, श्रम न्यायालय दुर्ग के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ दुर्ग की ओर से अध्यक्ष सुश्री नीता जैन, पदाधिकारीगण तथा अधिवक्तागण उपस्थित थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग सुश्री नीता जैन ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का समापन आभार उपाध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ श्री प्रशांत जोशी द्वारा दिया गया।

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