CAA : केन्द्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

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नई दिल्ली / लोकसभा चुनाव बिलकुल करीब है और तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। ऐसे में भाजपा ने इस बार अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। खुद प्रधानमंत्री अलग अलग मंचों से ये बात कहते रहे हैं कि अगर 400 पार करना है तो किस तरह से काम करना है। जनता के बीच जाकर पीएम मोदी की तरफ से घोषणाएं की जा रही हैं। वहीं इसी क्रम में आज CAA की अधिसूचना जारी कर दी गई है। पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। तीन देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश  के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई इसमें शामिल हैं। इसमें मुसलमानों को इसलिए शामिल नहीं किया गया है क्योंकि ये तीनों मुस्लिल बहुल देश हैं और वहां अल्पसंख्यक अन्य धर्मों के लोग हैं।  

भारत का संविधान ये अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों को मूलभूत अधिकार मिले। ऐसे शर्णार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA नियमों को अधिसूचित किए जाने से संबंधित खबरों पर कहा कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज का विरोध करेंगे। NRC और CAA के नाम पर लोगों को ‘डिटेंशन कैंप’ में भेजा जाएगा, तो विरोध करूंगी। ममता ने कहा कि CAA और NRC बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील मुद्दा, लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती।

अमित शाह पहले ही कह चुके है 

अमित शाह ने कहा था कि 70 साल से जो शरणार्थी यहां पर आकर बसे हैं। जिनके मन में दर्द है कि हम  वहां से शरणार्थी बनकर आए और आज हमारी नागरिकता नहीं है। 70 साल से वो अवैध तरीके से रहे। सिटिजनशिप अमेडमेंट एक्ट को पहले ही कैबिनेट में लागूकर सभी को नागरिकता दी जाएगी। अमित शाह ने एक चुनावी सभा में भी कहा था कि CAA के खिलाफ हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। CAA केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं। यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। 

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