बस्तर संभाग से राजधानी लौटी राइड फ़ॉर पीस बुलेट रैली
रैली संयोजक नितिन लॉरेंस ने जताया मुख्यमंत्री श्री साय का आभार, सुरक्षा एवं सहयोग के लिए दिया धन्यवाद
रायपुर। राजधानी रायपुर से 20 अक्टूबर को निकली राइड फ़ॉर पीस रैली 2024, 24 अक्टूबर को देर शाम बाइक रैली नारायणपुर से वापिस रायपुर पहुची। डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ द्वारा 06 दिवसीय शांति संदेश यात्रा बस्तर संभाग के सातों जिलों में निकाली गई।बस्तर के अनेक स्थानों पर रैली में शामिल सदस्यों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विभिन्न सामाजिक बुराइयों से संबंधित जागरूकता का संदेश दिया गया । जिसमें स्थानीय शासन-प्रशासन का सहयोग राइड फ़ॉर पीस के सदस्यों को प्राप्त हुआ।बस्तर संभाग के लिए निकली राइड फ़ॉर पीस में राइडर्स तथा सपोर्ट टीम सहित करीब 100 से अधिक लोग शामिल रहे।
25 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सुबह नारायणपुर बस स्टैंड में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशा मुक्ति का संदेश देते हुए नुक्कड़ नाटक किया गया। नशे को ना, जिंदगी को हां , स्लोगन के साथ संगीतमय प्रस्तुति रेव. शमशेर सैम्यूल के निर्देशन में किया गया जिसका समापन सामूहिक गान से हुआ जिसमें उपस्थित सभी नागरिकों ने एक स्वर में “हम होंगे कामयाब – हम होंगे कामयाब” गाया , साथ में स्वच्छता, पर्यावरण रक्षा, नशा उन्मूलन, एकता व शांति का संकल्प लिया। रैली के संयोजक नितिन लॉरेंस ने राइड फ़ॉर पीस में सहयोग के लिए बस्तर संभाग के समस्त जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को विशेष धन्यवाद और आभार व्यक्त किया जिनके दिशा-निर्देश पर बस्तर संभाग के अधिकारियों के द्वारा रैली को सभी जगह सुरक्षा और सहयोग प्राप्त हुआ।
उल्लेखनीय है कि सर्व धर्म, सर्व समाज के गणमान्य जनों के सहयोग व सहभागिता से रविवार 20 अक्तूबर को बुलेट रैली राजधानी रायपुर से शुरू होकर, कोंडागांव, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर होते हुए 25 अक्टूबर की सुबह नारायणपुर से निकलकर फरसगांव, कांकेर होते वापिस रायपुर में आकर समाप्त हुई। रैली में हर उम्र वर्ग के प्रतिभागियों के साथ महिलाएं व युवतियां भी शामिल रही। बस्तर संभाग के अपनी इस यात्रा को अभूतपूर्व व अविस्मरणीय बताते हुए कुछ प्रतिभागियों ने कहा कि कुछ जगह के अलावा सभी जगह की सड़कें बढ़िया थी, बस्तर की हरियाली देखने लायक है। जिसका आनंद बाइक की यात्रा से ही लिया जा सकता है। कई स्थानों पर ठहर कर नजर भर कर देखते रहने का मन कर रहा था, सचमुच हमारा बस्तर बहुत सुन्दर है, यहां के लोग भी बहुत सहयोगी हैं, इसमें कोई दो मत नही है।