केन्द्रीय संयुक्त सचिव ने किया नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना की सराहना

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 मोखला गोठान का अवलोकन कर फलदार पौधे का किया रोपण
रायपुर,केन्द्रीय संयुक्त सचिव एवं नीति आयोग के अंतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नियुक्त किए गए जिले के प्रभारी सचिव डॉ. अमित सहाय ने छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष प्राथमिकता वाली नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना की मुक्तकंठ से सराहना की है। उन्होंने इस योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाकर किसानों के आय में वृद्धि करने वाले बताते हुए इसे अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना बताया।
डॉ. सहाय ने आज को राजनांदगांव जिले के अपने प्रवास के दौरान राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोखला के आदर्श गोठान का अवलोकन कर यहां की व्यवस्थाओं को सराहा। केन्द्रीय संयुक्त सचिव डॉ. सहाय ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से मोखला में निर्मित इस गोठान का कुल क्षेत्रफल एवं गांव के मवेशियों की कुल संख्या तथा इस गोठान में प्रतिदिन आने वाले मवेशियों की संख्या के संबंध में भी जानकारी ली।
अधिकारियों ने बताया कि मोखला का आदर्श गोठान कुल 7 एकड़ में फैला हुआ है। गांव की कुल मवेशियों की संख्या 690 है, जिसमें से लगभग 400 के आस-पास की संख्या में मवेशी प्रतिदिन इस गोठान में आते हैं। डॉ. सहाय ने गोठान के संचालन व्यवस्था के संबंध में जानकारी लेते हुए इसके सफल संचालन हेतु जनभागीदारी को अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से भी गोठान की संचालन व्यवस्था एवं इसके लाभ के संबंध में जानकारी ली। ग्रामीणों ने गोठान के अलावा नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना को अनेक दृष्टि से बहुपयोगी बताया। ग्रामीणों ने इस गोठान के लिए पैरा दान करने की भी जानकारी दी। डॉ. सहाय ने गोठान में निर्मित चारागाह का भी अवलोकन किया। मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने इस चारागाह में नेपियर घास एवं मोरिंगा आदि घास लगाने की जानकारी दी। केन्द्रीय सचिव ने ग्रामीणों से जनभागीदारी से इस आदर्श गोठान का सफल संचालन करने की सलाह भी दी।
इस दौरान डॉ. सहाय ने ग्राम मोखला में निर्मित प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत निर्मित आवासों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने हितग्राहियों से चर्चा कर व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। केन्द्रीय संयुक्त सचिव डॉ. सहाय समीपस्थ ग्राम सुरगी में घनश्याम निषाद के निवास में पहुंच कर कड़कनाथ मुर्गी पालन के व्यवसाय का जायजा लिया। उन्होंने घनश्याम निषाद से कड़कनाथ पालन से प्रतिमाह होने वाली आमदनी एवं कड़कनाथ मुर्गियों के रख-रखाव एवं इनकी बीमारियों की रोकथाम के उपायों के संबंध में भी जानकारी ली।

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