सरकार डिजिटल मीडिया क्षेत्र पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा एफडीआई नीति में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मीडिया क्षेत्र के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। प्रिंट मीडिया क्षेत्र में सरकारी मंजूरी मार्ग के जरिये 26 प्रतिशत एफडीआई नीति की अनुमति है। इसी प्रकार, सरकारी मंजूरी से प्रसारण सामग्री सेवा कंपनिओं में 49 प्रतिशत विदेशी हिस्सेदारी की हासिल की जा सकती है। वहीं बिना समाचार और समसामयिक विषयों की सामग्री का प्रसारण करने वाले टीवी चैनलों की अप-लिंकिंग तथा टीवी चैनलों की डाउन लिंकिंग क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई (विदेशी हिस्सेदारी) की अनुमति है।
एक सूत्र ने कहा कि एफडीआई नीति में डिजिटल मीडिया के बारे में कोई जिक्र नहीं है। चूंकि यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है, हम इस पर गौर कर रहे हैं क्या यह एफडीआई सीमा के अंतर्गत आएगा या नहीं। उसने कहा कि इस प्रस्ताव पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय काम कर रहा है। इस बारे में डेलायट के भागीदार जेहिल ठक्कर ने कहा कि यह सरकार का बड़ा कदम है क्योंकि इससे मीडिया कंपनियों को अपने डिजिटल मीडिया खंड में अतिरिक्त पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को क्षेत्र में एफडीआई सीमा के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि एफडीआई को स्वत: मार्ग से मंजूरी है या नहीं। वित्त वर्ष 2018-19 में एफडीआई 1 प्रतिशत घटकर 44.36 अरब डॉलर रहा