बायोमेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट को लेकर 1300 निजी क्‍लीनिक को नोटिस, दस दिन के अंदर मांगा जवाब

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सीएमएचओं ने नर्सिंग होम प्रबंधकों से 10 दिन के भीतर मांगा जवाब ..


रायपुर —  राजधानी सहित जिले में संचालित 1351 निजी और सरकारी अस्‍पतालों के प्रबंधन द्वारा बायोमेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट को लेकर की जा रही लापरवाही से निपटने प्रशासन ने सख्‍ती करना शुरु कर दिया है। अस्‍पतालों से लेकर क्‍लिनिंक संचालकों को बायोमेडिकल कचरा के निपटान के लिए वेस्‍ट मैनेजमेंट वाली कंपनियों से अनुबंध करना है। इसको लेकर मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ केआर सोनवानी ने नर्सिंग होम एक्‍ट के अंतर्गत जिले में निजी क्षेत्र के पंजीकृत क्‍लीनिक, अस्‍पतालों, नर्सिंग होम में बायोमेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट के प्राधिकार, निपटान तथा रिकार्ड की जानकारी मांगी है। रायपुर जिले में 51 सरकारी अस्‍पताल, 1300 निजी अस्‍पताल छोटे से लेकर बड़े संस्‍थान, क्‍लिनिक व पैथोलॉजी सहित 1351 अस्‍पतालों को शतप्रतिशत नियमों के तहत बायोमेडिकल वेस्‍ट का उचित प्रबंधन करना है। बायो मेडिकल वेस्‍ट को लेकर छत्‍तीसगढ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने भी लापरवाही बरतने वाले निजी अस्‍पतालों नोटिस जारी कर दिया है। वहीं बोर्ड लापरवाही बरतने वाले संस्‍थान को जुर्माना लगाने की भी तैयारी में है। वहीं मुख्‍य स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा अधिकारी कार्यालय ने प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों के माध्‍यम से निजी मेडिकल संस्‍थाओं को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। यानी सितंबर महीने के पहले सप्‍ताह तक का समय देकर सभी निजी संस्‍थानों से रिपोर्ट लिखित में देने को कहा गया है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने 426 निजी स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं को इस वर्ष लाइसेंस भी जारी किया है। जबकि पूर्व में लाइसेंस लेने वाले ज्‍यादातर छोटे क्‍लिनिक और नर्सिंगहोम ने नवीनीकरण्‍ नहीं कराया है। इसके को लेकर बोर्ड ने नोटिस थमाकर जुर्माना वसूलने की चेतावनी भी दी है। बायोमेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट के प्राधिकार, निपटान तथा रिकार्ड की जानकारी उपलब्‍ध कराये जाने को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य संचालनालय स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें छत्‍तीसगढ़ अटलनगर नवारायपुर के निर्देश पर नोटिस जारी किया गया है। जिले के समस्‍त अस्‍पतालों, नर्सिंग होम एवं क्‍लीनिक व पैथोलॉजी लैब के संचालन के लिए बायो मेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट नियम–2016 अंतर्गत प्राधिकार प्राप्‍त किया जाना तथा उनका अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। नर्सिंग होम एक्‍ट अंतर्गत निजी क्षेत्र के अस्‍पतालों, नर्सिंग होम एवं क्‍लीनिक के लाइसेंस प्राप्‍त किए जाने के लिए बायो मेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट का प्राधिकार संबंधित स्‍वास्थ्‍य संस्‍था द्वारा छग पर्यावरण संरक्षण मंडल से प्राप्‍त कर, समय-समय पर इनका नवीनीकरण तथा बायो मेडिकल वेस्‍ट मैनेजमेंट नियम अनुसार अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। राज्‍य स्‍तरीय बैठक में माननीय राष्‍टीय हरित अभिकरण की बैठक में दिए गए निर्देशानुसार उक्‍त संबंध में नियमित रुप से मॉनिटरिंग एवं आवश्‍यक कार्यवाही करते हुए प्रतिवेदन छत्‍तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को उपलब्‍ध कराया जाना है। अस्‍पताल प्रबंधन की लापरवाही से खुले में बायो मेडिकल वेस्‍ट से निमोनिया, हैजा, कालरा, डेंगू, स्वाइन फ्लू, मेनेंजाइटिस, हेपेटाइटिस-बी व कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है। इससे मानव जीवन के साथ की पशु पक्षियों के जीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। मेडिकल सेंटरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट मैटेरियल, जैसे खून, मल-मूत्र और घातक केमिकल्स से भीगे कॉटन-पट्टी से लेकर सिरिंज, एक्‍सपायरी दवाओं को खुले मैदानों व सड़कों के किनारे फेंकने और जलाकर नष्‍ट करने से पर्यावरण दूषित हो रहा है ।

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