मंत्रियों को अंधेरे में रख भ्रष्ट अधिकारी काम को दे रहे है अंजाम
रायपुर — भ्र्ष्ट अधिकारी शासन के स्थगन आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं । एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी चार्ज नहीं दिया जा रहा है । भाजपा शासनकाल के सचिवों की जो ट्रांसफर से लेनदेन से संबंधित रहते थे ,उनको उसी स्थान पर रखा गया है ताकि स्थानांतरण को लेकर लेनदेन किया जा सके, प्रशासन में बैठे भ्रष्ट अधिकारी अपने को शासन से ऊपर समझ बैठे हैं ,और यह भ्रम फैलाकर उगाही कर रहे हैं कि स्थानांतरण की तारीख 23 अगस्त निकलने के बाद भी 30 अगस्त कर दी गई है ,कई विधायक को इन भ्रष्ट अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है । इसी की एक बानगी देखी गई जब स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय के घर पर कांग्रेसियों द्वारा बवाल किया गया और यह सब सिर्फ इसलिए किया जा रहा है की पद में बैठे भ्रष्ट अधिकारी अपने गढ्ढे भर सके । कई व्याख्याता जिन्हें बच्चे को पढ़ाने का कार्य दिया गया है वह स्कूल केंद्र समन्वयक, विकास खंड अधिकारी सहायक संचालक शिक्षा अधिकारी जैसे मलाईदार पद में पदस्थ होना चाहते हैं। और इस प्रकार की मलाईदार पद पर काबिज होकर कई भ्र्ष्टाचार को अंजाम दे सके। इस तरह के अधिकारियों को मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह के ओएसडी राजेश सिंह का पूरा समर्थन मिल रहा है स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े जोर शोर से कहा जा रहा है कि जो राजेश सिंह चाहेंगे वही होगा । ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पर बने अधिकारियों को भी मौज हो गई है ।
कुछ इसी तरह का हाल स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी आनंद सागर का भी है जिनके बारे में मशहूर है कि डॉक्टर वार्ड बॉय सब सागर के आगे नतमस्तक नजर आ रहे है । सागर की कारगुजारीओं को देखने के लिए एक उदाहरण काफी होगा कि मंत्री प्रेमसाय की पत्नी रमा सिंह आनंद सिंह आनंद के दरबार में हाजिर नहीं हुई नतीजा भुगतना पड़ा और उनका स्थानांतरण रायपुर में नई जगह पर कर दिया गया जब यह बातें मंत्री को पता चली तो पत्नी के साथ टी एस सिंह देव के समक्ष उपस्थित होकर उन्होंने सारी कारगुजारी बतायी । मंत्री का ये आलम है तो आम अधिकारी का हाल का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है फिर ऐसे में जल संसाधन विभाग कैसे पीछे रह सकता है रविंद्र चौबे के यहां यह खेल खेला जा रहा है मंत्रालय में पदस्थ याकूब खेस जो जमकर उगाही कर रहे हैं। मंत्री की जानकारी में आए बिना ही उनके नाम पर लाखों रुपया स्थानांतरण के आदेश जारी करने के बाद लिया जा रहा । भले ही स्थानांतरण की अंतिम तिथि 23 अगस्त थी जिसे बढ़ाकर 30 अगस्त कर दिया गया है और यहां पर याकूब खेस जो की मंत्रालय में पदस्थ हैं उनके द्वारा सभी अधिकारियों को यह बोला गया है कि ना तो किसी अधिकारी को ज्वाइन किया जाए नहीं चार्ज दिया जाए । यह वही अधिकारी हैं जिनकी कारगुजारीओ का नतीजा जल संसाधन विभाग को भुगतना पड़ रहा है उच्च न्यायालय के रोक के बावजूद इन्होंने कई अधिकारियों को पदोन्नति दे दी थी जवाब तलब किया गया है। सामान प्रशासन विभाग से लेकिन अभी तक संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया है। भूपेश सरकार की कैबिनेट की बैठक के पहले कुछ इस तरह का माहौल तैयार किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग के पूरे मंत्रियों को गुमराह किया जा सके और यह गुमराह करने वाले अधिकारी सिर्फ अपने फायदे के लिए सरकार की छवि खराब कर रहे है सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी प्रकार की पदोन्नति पर रोक लगाई गई थी लेकिन वहां पदस्थ याकूब फेस के द्वारा जल संसाधन विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं के पास सूचना भिजवाई गई है कि किसी भी अधिकारी को ना तो रिलीज किया जाए ना ही ज्वाइन करने दिया जाए अगर ऐसा ही है तो स्थानांतरण का आदेश जारी करने का मतलब ही क्या था इसी प्रकार सभी विभाग के भ्रष्ट अधिकारी लाभ लेकर भूपेश सरकार को बदनाम करने की पूरी साजिश रची जा चुकी है । अब देखना यह है कि जनता के द्वारा चुने गए मंत्री और मुख्यमंत्री शातिर अधिकारियों के जाल में फंसते हुए काम करते हैं या फिर अपनी चाल से उनकी शातिराना चाल को ध्वस्त करते हुए सही निर्णय लेते हैं और उन भ्रष्ट अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं जो सिर्फ भ्रष्टाचार कर रहे हैं जो भी हो यह फैसला कैबिनेट की बैठक के बाद जगजाहिर हो जाएगा ।