राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का किया गया गठन

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मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम, 2017 में समिति का प्रावधान

रायपुर — छत्तीसगढ़ में राज्य मानसिक स्वास्थ प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है। इस 18 सदस्यों वाली समिति की अध्यक्ष स्वास्थ एवं परिवार कल्याण सचिव होंगी। इसके अलावा इसमें 9 अशासकीय सदस्य होंगें ।
इस प्राधिकरण का गठन मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम, 2017 के प्रावधान के अंतर्गत किया गया है ।श्री सुनील नारायनिया, अवर सचिव, स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा हाल ही में इस प्राधिकरण के गठन का आदेश जारी किया ।
शासकीय पदेन सदस्यों में संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग), संचालक (चिकित्सा सेवाएं), संचालक (समाज कल्याण विभाग), मुख्य अस्पताल अधीक्षक (राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, बिलासपुर), विभागाध्यक्ष (मनोरोग विभाग, पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय, रायपुर) और उप संचालक, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम|
अशासकीय सदस्यों में श्री प्रकाश नारायण शुक्ल (मनो चिकित्सक), श्री जे. महतो (मनोरोग चिकित्सक), सुश्री सुलक्षणा नंदी ( सामाजिक कार्यकर्ता), डॉ विश्वजीत जैसवाल (पैथोलोजिस्ट), डॉ इन्शामैल जैकप (मनोरोग परिचारिका), डॉ प्रवीण नानजियानी (मनोरोग प्रतिनिधि), डॉ सुनील रावल (मनोरोग प्रतिनिधि), सुश्री ममता शर्मा (एनजीओ प्रतिनिधि) और सुश्री रजनी सोरेन्द्र (एनजीओ प्रतिनिधि), इन सदस्यों का कार्यकाल 3 साल का होगा ।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण छत्तीसगढ़ में संचालित सभी मानसिक स्वास्थ्य संस्थाओं और प्रतिष्ठानों का पंजीकरण करेगा और ऐसे संस्थानों प्रतिष्ठानों के लिए बुनियादी मापदंड तय करेगा । इन संस्थानों के लिए गुणवत्ता विकसित करना भी प्राधिकरण की ही जिम्मेदारी होगी ।प्राधिकरण इन मानसिक स्वास्थ्य संस्थाओं में खामियों को भी देखेगा और शिकायतें भी प्राप्त करेगा ।

राज्य में सभी मनोरोग सेवाएं प्रदान करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का पंजीकरण भी प्राधिकरण ही करेगा और इन कर्मियों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण की ही होगी । प्राधिकरण वर्ष में कम से कम 4 बार मिलेगा ।

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