रिजर्व बैंक ने मुंबई के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) के परिचालन पर छह महीने के लिए कुछ पाबंदियां लगाई
सूत्रों ने बताया कि पीएमसी पर ये अंकुश उसके द्वारा अपने डूबे कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने की वजह से लगाया गया हैं। बैंक ने अपने एनपीए को काफी कम कर दिखाया है। बैंक का एनपीए दो अंक के काफी ऊंचे स्तर पर है। इसके अलावा बैंक अपनी संपत्तियों की बिक्री या स्थानांतरण के लिए किसी तरह का करार नहीं कर सकेगा। रिजर्व बैंक ने हालांकि स्पष्ट किया है कि इस कदम को पीएमसी के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द किए जाने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बीते वित्त वर्ष में उसका शुद्ध लाभ मामूली 1.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.69 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं उसका शुद्ध एनपीए दोगुना होकर 1.05 प्रतिशत से 2.19 प्रतिशत पर पहुंच गया।
सूत्रों ने कहा कि डूबे कर्ज को कम कर दिखाने का मामला सामने आने के बाद बैंक के निदेशक मंडल ने पिछले 10-15 दिन के दौरान आंतरिक स्तर पर जांच शुरू की है। एक कर्मचारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि बैंक के सभी बड़े अधिकारी इस जांच का हिस्सा हैं। पिछले चार दिन से किसी को कार्यालय से जाने की अनुमति नहीं दी गई है। सभी शहरी सहकारी बैंकों का नियमन रिजर्व बैंक करता है। इन बैंकों के आडिट वाले बही खाते के आधार पर केंद्रीय बैंक वार्षिक आधार पर निगरानी जांच करता है। सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक ने पीएमसी के बोर्ड को भी भंग कर दिया है और केंद्रीय बैंक ने मंगलवार से बैंक के बही खातों की जांच शुरू की है।