भ्रष्ट सचिवों के निलंबन के लिए किये प्रदर्शन में सैंकड़ों युकां कार्यकर्ता गिरफ्तार
दुर्ग — गृह मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में ग्राम नगपुरा के सरपंच व भाजपा जिला युवामोर्चा के उपाध्यक्ष भूपेंद्र रिगरी और वहां सचिव के विरुद्ध जिले का सबसे बड़ा शौचालय घोटाला जो पूर्व भाजपा की सरकार में हुआ था जिसका विरोध ग्राम के युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। शौचालय जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार प्रमाणित होने के पश्चात सरपंच / सचिव द्वारा 27000 रुपए जुर्माना को तौर पर भी भरा गया था। इसके बावजूद भी कार्यवाही नही होने से नाराज़ युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ने जिला पंचायत दुर्ग में 12 बजे घेरे बंदी कर धरना प्रदर्शन शुरू किया। दिनभर के इस आंदोलन के दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद रही साथ ही सैकड़ो युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता 4 बजे तक डटे रहे। बाद में एसडिएम खेमलाल वर्मा और अडिशनल एसपी विवेक शुक्ल युवा कांग्रेसियों को गिरफ्तार करने लगे । इस बीच जिला पंचायत सदस्य जयंत देशमुख और जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अंकुश पिल्लै पहुंचे और बीच बचाव करने का प्रयास किया। प्रशासन के अधिकारीयों के साथ हुई तीखी नोक झोंक के पश्चात उन्हें भी प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कुल 47 युवा कांग्रेस के कार्यकार्ताओं को गिरफ्तार किया और धारा 151 की प्रतिबंधात्मक धारा लगाकर और शाम को 6 बजे निःशर्त रिहा कर दिया गया ।
आपकों बता दे की ग्राम चंदखुरी और ग्राम नगपुरा में शौचालाय निर्माण हुए भ्रष्टाचार में सचिवों कि संलिप्ता पाए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने विरोध में आज युवा कांग्रेस के कार्यकार्ताओं ने जिलापंचायत दुर्ग का घेराव कर तालेबंदी की। इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दुर्ग ग्रामिण युवा कांग्रेस के सचिव धर्मेश देशमुख ने बताया की। साल 2017 में हुए भ्रष्टाचार की जांच में ग्राम चंदखुरी औऱ ग्राम नगपुरा के सचिव दोषी पाए गए थे, उस वक्त छत्तिसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और बार-बार प्रशासन से भ्रष्ट सचिवों के खिलाफकार्यवाही करने की अपिल करने के बावजूद हमारी नहीं सूनी गई। प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार बनने के बाद हमने कई बार ज्ञापन देकर भ्रष्ट सचिवों के खिलाफ कार्यवाही करने कि मांग की, लेकिन प्रशासन कि तरफ से हमें सिर्फ निराशा ही मिली। प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार होने के बावजूद हमें मजबूर होकर ज़िला पंचायत का घेराव करना पड़ रहा है।
अधिकारी कांग्रेस के बड़े नेताओं का नाम लेकर करते रहें बचने की कोशिश, लेकिन नहीं कि भ्रष्ट सचिवों के खिलाफ कोई कार्यवाही युवा कांग्रेस के कार्यकार्ताओं द्वारा जिला पंचायत का घेराव करने के बाद दिन भर अधिकारीयों द्वारा मान-मन्नवल कि कोशिश कि गई और धरने को खत्म करने के लिए कहा गया। अधिकारीयों ने मंंत्रीयों का नाम लेकर कार्यवाही न करने की बात कही। उनका कहना है की सचिवों के खिलाफ कार्यवाही मंत्रीयों के आदेश के कारण नहीं की जा रही है।
जायज मांग के बावजूद, पुलिस ने किया गिरफ्तार
भ्रष्ट सचिवों के निलंबन कि मांग को लेकर नारेबाज़ी कर रहे कांग्रेसी कार्यकार्ताओं को पुलिस ने जिला पंचायत के गेट में लगे ताले को तोड़कर गिरफ्तार किया और बस में भर कर दुर्ग पुलिस ग्राउंड में रखने लगे ।गिरफ्तारी के विरोध में जिला पंचायत सदस्य जयंत देशमुख ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद प्रशासन की इस हरकत से कांग्रेसी कार्यकार्ताओं के अन्दर हताशा नजर आने लगी है। अपनी ही पार्टी कि सरकार होने के बावजूद भ्रष्ट सचिवों की निलंबन के लिए उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ा रहा है, औऱ प्रशासन धरने और घेराव के बावजूद भ्रष्टाचारियों के संरक्षण में लगी हुई है औऱ कांग्रेस के कार्यकार्ताओं को ही गिरफ्तार किया गया।
इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व धर्मेश देशमुख,आकाश सेन,देवा श्रीकांत,आकाश चन्द्राकर,अजित यादव ने किया । विक्रांत ताम्रकार,विनोद देशमुख,अखिलेश जोशी ,सुरेंद्र,गोपी निर्मलकर,खिलेश्वरसिन्हा,विक्की घुघवारे, सोहन देशमुख सहित सैकड़ो कार्यकर्ता प्रदर्शन में उपस्थित थे।