सैलानियों को आकर्षित कर रही एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी ,पर्यटक ले रहे शहर में जंगल का आनंद

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रायपुर, 22 नवंबर 2019 — एशिया की सबसे बड़ी (मानव निर्मित) जंगल सफारी अब देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रही है। अटल नगर नवा रायपुर स्थित यह जंगल सफारी छत्तीसगढ़ में आने वाले सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण है। रायपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह जंगल सफारी देश के सबसे खुबसूरत जंगल सफारियों में से एक है। यह सफारी लगभग 320 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। सैलानियों के ठहरने और रिफरेशमेंट के लिए जंगल सफारी के आस-पास पर्यटन एवं वन विभाग द्वारा मोटल और रिसार्ट जैसी उच्च स्तरीय सुविधाएं विकसित की गई है।  जंगल सफारी में यहां राष्ट्रीय पशु राॅयल बंगाल टायगर की प्रजाति के लिए एक पृथक से जोन बनाया गया है। यहां प्राकृतिक आवास में बाघों को स्वछंद रूप से विचरण करते हुए देखा जा सकता है। बाघों के प्राकृतिक रहवास के लिए यहां 1945 वर्ग मीटर क्षेत्र में छायादार पौधे लगाए गए हैं। बाघों को देखने के लिए सैलानियों के लिए यहां दर्शक दीर्घा बनाई गई है। बाघों को प्राकृतिक आवास केन्द्रीय चिड़िया घर नई दिल्ली के नाम्र्स के अनुसार तैयार किया गया है। यहां शेरों के लिए 2550 वर्ग मीटर में रहवास बनाया गया है। शेरों के लिए गुफा का निर्माण किया गया है।  जंगल सफारी में टफन ग्लास के चैम्बर में तेंदूओं को देखा जा सकता है। यहां विश्व प्रसिद्ध सफेद शेर के लिए अलग से इन्क्लोजर बनाए गए हैं। हिमालयन भालू को झरने में नहाते हुए देखा जा सकता है। रंग-बिरंगी कछुए की प्रजाति भी बच्चों के लिए यहां आकर्षण का केन्द्र है। पानी में रहने वाले दरियाई घोड़े यहां बनाए गए तालाबों में विचरण करते हुए देखे जा सकते हैं। अपने तीखे दांतो के लिए पहचाने जाने वाला घड़ियाल भी यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ देखने लायक जंगली जानवर हैं। यहां बंगाल की बड़ी लिर्जाड(गोह) उदबिलाव, मगरमच्छ सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए पशु-पक्षी यहां आने वाले सैलानियों का मन मोह लेते हैं।   मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हाल में ही आयोजित कैबिनेट बैठक में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सैलानियों और स्कूली बच्चों के साथ-साथ देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जंगल सफारी का प्रवेश शुल्क आधा करने का निर्णय लिया गया है। राज्य और देशभर के पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाईन टिकट www.junglesafari.cg.nic.in  की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। पर्यटकों की सुविधा की दृष्टिकोण से सफारी एवं जू में आकर्षक प्रवेश द्वार के समीप ही टिकट काउंटर तथा पार्किंग स्थल बनाया गया है। इसमें लगभग 1000 वाहनों को एक साथ पार्क किया जा सकता है। पर्यटकों के भ्रमण के दौरान सुविधा के लिए आवश्यक प्रसाधन व्यवस्था तथा विभिन्न सफारी पर वाटर एटीएम भी लगाया गया है। साथ ही लैण्डस्केप के क्षेत्र में 12 पगोड़ा भी पर्यटकों के विश्राम के लिए स्थापित किया गया है। इसके चिड़ियाघर प्रक्षेत्र में कुल 37 बाड़ो का निर्माण किया जाना है। जिनमें से 11 बाड़ों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। इसके अलावा जंगल सफारी में इंटरप्रिटेशन सेंटर, एम्फी थियेटर, मिनी थियेटर, डायरेक्टर कार्यालय भवन, कैफेटेरिया, डार्मेटरी और शाॅपिंग काॅम्पलेक्स आदि की स्थापना के कार्य भी किए जाएंगे।
जंगल सफारी को और भी उपयोगी और ज्ञानवर्द्धक बनाने के लिए यहां वनस्पतिक उद्यान विकसित किया जा रहा है। इससे यहां जैव विविधता का संरक्षण होगा वहीं प्रकृति प्रेमियों और विज्ञान के विद्यार्थियों को ज्ञानवर्द्धक जानकारी मिलेगी। जंगल सफारी के इस अलौकिक तथा स्वच्छ एवं हरा-भरा आच्छादित क्षेत्र में लगभग 70 प्रजातियों के पेड़-पौधे, 12 विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी सहित 76 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी जैव विविधता में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं।  नन्दनवन जंगल सफारी, नवा रायपुर में अब प्रवेश शुल्क 18 वर्ष से ऊपर वयस्क के लिए नान एसी का 100 रूपए तथा एसी का शुल्क 150 रूपए निर्धारित किया गया है। इसमें 12 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश शुल्क नान एसी में 25 रूपए तथा एसी में 50 रूपए निर्धारित है। इसके अलावा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा दिव्यांग लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क रखा गया है। इसके पहले 12 वर्ष से ऊपर के वयस्कों से नान एसी में 200 रूपए तथा एसी में 300 रूपए प्रवेश शुल्क लिया जाता था। छह वर्ष से 12 वर्ष तक के बच्चों से नान एसी में 50 रूपए तथा एसी में 100 रूपए प्रवेश शुल्क लिया जाता था। इसके अलावा छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का ही प्रवेश निःशुल्क था।

इसी तरह नवा रायपुर स्थित नन्दनवन जू (चिड़ियाघर) में प्रवेश शुल्क 18 वर्ष से ऊपर वयस्क के लिए 50 रूपए और 12 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए 25 रूपए निर्धारित किया गया है। इसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और दिव्यांग लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क रखा गया है।

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