बस्तर के लोगों को अब इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पडे़गा, मुख्यमंत्री ने महारानी अस्पताल के आधुनिकीकरण और नवीनीकरण कार्य का किया शुभारंभ

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आपातकालीन,आईसीयू,ओटी और ओपीडी का लोकार्पण

रायपुर, 23 नवम्बर 2019 — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर की जनता को एक और बड़ी सौगात देते हुए महारानी अस्पताल के बहुप्रतीक्षित आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के पहले चरण के कार्य का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने लगभग 7 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित  सर्वसुविधायुक्त आपातकालीन कक्ष, आईसीयू, आपरेशन थियेटर और ओपीडी का विधिवत शुभारंभ किया। इस अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने से जनता की मेडिकल काॅलेज पर निर्भरता कम होगी और उन्हं शहर के भीतर ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री  बघेल ने इस अवसर पर अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि जब राहुल गांधी बस्तर आए थे, तब उन्होंने कहा था, कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि बस्तर के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, बल्कि बाहर के लोग बस्तर इलाज के लिए आएं। आज बीजापुर में सीटी स्केन और जगदलपुर में महारानी अस्पताल का आधुनिकीकरण कार्य का लोकार्पण यह बताता है कि बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाएं  बेहतर हो रही है और अब बस्तर के बाहर के लोग भी जगदलपुर इलाज के लिए आएंगे।  बघेल ने कहा कि जब मैं एक जनवरी 2019 को जगदलपुर आया था, तब यहां के जनप्रतिनिधियों ने महारानी अस्पताल की अव्यवस्थाओं और समस्याओं का जिक्र किया था। तब मैंने यहां के कलेक्टर और अस्पताल प्रबंधन को अस्पताल का जीर्णोद्धार कर स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस बात की खुशी है, कि रिकार्ड समय में यह अस्पताल आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ नए स्वरुप मंे आ गया है। ऐसा लगता ही नहीं कि यह वही महारानी अस्पताल है। अब बस्तर के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में और भी जरुरी आवश्यकताएं होंगी, उसे पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रिकार्ड समय पर अस्पताल के कायाकल्प पूरा करने के लिए सांसद  दीपक बैज, विधायक रेखचंद जैन, कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली और अस्पताल प्रबंधन की प्रशंसा की।  इस अवसर पर सांसद  दीपक बैज और विधायक  रेखचंद जैन ने भी जनसमूह को संबोधित किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, महापौर जतीन जायसवाल,  राजीव शर्मा, कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली, पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित जनप्रतिनिधिगण, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने महारानी की प्रतिमा का किया अनावरण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अस्पताल के नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण के बाद अस्पताल के मुख्य द्वार पर महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी की नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने महारानी को श्रद्धासुमन अर्पित किए

नवीनीकरण और आधुनिकरण के बाद अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं 

महारानी अस्पताल के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण के पहले चरण के तहत मुख्यमंत्री ने आज दो अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर (ओटी), आईसीयू, आपातकालीन चिकित्सा कक्ष और ओपीडी का लोकार्पण किया। आपरेशन थियेटर सर्वसुविधायुक्त होगा। दोनों आपरेशन थियेटर एंटी बैक्टीरियल सरफेस से सुसज्जित है। इससे आपरेशन के दौरान संक्रमण का खतरा नहीं होगा। आपातकालीन कक्ष 10 और आईसीयू 15 बिस्तरों का बनाया गया है।  ओपीडी को भी मरीजों और उनके परिजनों के लिए सुविधाजनक बनाया गया है। इस भवन को प्राचीन भारत के सर्जन सुश्रुत और ओपीडी को धन्वतरी का नाम दिया गया है।
नवीनीकरण और आधुनिकरण के दूसरे चरण सुश्रुत भवन के उपर फिजियोथेरेपी यूनिट, योगा, पंचकर्म की सुविधा विकसित की जाएगी। मरीजों को प्रथम तल में जाने में तकलीफ ना हो इसके लिए रैम्प बनाया जाएगा। इसे शहीद गुण्डाधुर का नाम दिया जाएगा। दूसरे चरण में ही मातृ एवं शिशु वार्ड का निर्माण किया जा रहा है। इस भवन का नाम भारत की पहली महिला डाॅक्टर कादम्बनी के नाम पर रखा गया है। तीसरे चरण में पुराने अस्पताल भवन के नेत्रविभाग, मनोचिकित्सा, मेडीसिन वार्डों का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही कादम्बनी के पास अत्याधुनिक लैब और ब्लड बैंक की स्थापना की जाएगी। इसे भारत के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य जीवक का नाम दिया जा रहा है।

पाईप के जरिए आक्सीजन की आपूर्ति

केज्युलिटी वार्ड में अब आक्सीजन के सिलेण्डर नहीं बल्कि पाईप लाईन के जरिए आॅक्सीजन की आपूर्ति होगी। इसके लिए आॅक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। महारानी अस्पताल के आईसीयू डिमरापाल के मेडिकल काॅलेज के 6-6 बिस्तरों को सीधे हैदराबाद के अपोलो अस्पताल से लिंक करने का प्रस्ताव है।  इससे मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मुहैय्या होगी।
मानव संसाधन:-महारानी अस्पताल में डाॅक्टरों की भर्ती की जा रही है। आवेदन पत्र मंगाए जा चुके हैं। इसके साथ ही मौजूदा स्टाॅफ के साथ 40 अतिरिक्त स्टाॅफ नर्सों की भर्ती की जा चुकी है। अधोसंरचना के निर्माण के साथ आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।

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