महाराष्ट्र की जनता से मोदी और शाह का विश्वासघात — शैलेश नितिन
भाजपा ने महाराष्ट्र के जनादेश का चीरहरण किया
रायपुर/23 नवंबर 2019 — प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा व अजीत पवार ने मिलकर दुर्योधन व शकुनि की तरह महाराष्ट्र के जनादेश का चीर-हरण कर दिया। यह महाराष्ट्र की जनता से विश्वासघात है। 23 नवंबर का दिन महाराष्ट्र और देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काले अध्याय के तौर पर दर्ज होगा, जब संविधान को पांवों तले रौंद दिया गया। अवसरवादी अजीत पवार को जेल की सलाखों का डर दिखा कर, सत्ता की हवस में अंधी भाजपा ने प्रजातंत्र की सुपारी ले हत्या कर डाली।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता का विश्वास खो चुकी भाजपा अलोकतांत्रिक तरीके से संविधान के विपरीत कार्य कर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर डरा धमका कर महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करने का घोर निंदनीय कृत्य किया है। केंद्र की एनडीए की सरकार ने जिस शक्तियों का दुरुपयोग कर भाजपा ने महाराष्ट्र में सत्ता प्राप्ति के लिए जो कृत्य किया है, उस कृत्य के कारण प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के साख पर भी सवाल उठने लगे हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक एवं अविश्वसनीय परिस्थिति निर्मित हुई है। इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार हैं। महाराष्ट्र चुनाव परिणाम आने के बाद जो गतिरोध उत्पन्न हुआ था उसके लिए भी भाजपा ही जिम्मेदार रही है और जिस प्रकार से राजभवन को अपने कर्तव्यों को सही ढंग से निर्वहन नहीं करने दिया गया, उसके लिए भी केंद्र की मोदी सरकार ही जिम्मेदार हैं। महाराष्ट्र में सरकार बना चुके भाजपा से कांग्रेस ने सवाल उठाये ।अगर आपको एनसीपी ने बहुमत दिया है तो आपको महाराष्ट्र की जनता को गुमराह कर अंधेरे में सरकार बनाने शपथ ग्रहण समारोह की आवश्यकता क्यों पड़ी? क्या महाराष्ट्र की जनता को इसे ये जानने का अधिकार नहीं है कि उनके मुख्यमंत्री का शपथ लेने वाला कौन है? भाजपा के कार्यों से स्पष्ट हो गया कि भाजपा ने महाराष्ट्र की जनता को अंधेरे में रखकर सत्ता हासिल करने के लिए वह सारे हथकंडे अपनाए जो महाराष्ट्र की जनता के द्वारा दिए गए जनादेश के विपरीत रहा है। इसके परिणाम भाजपा को निश्चित तौर पर भुगतने होंगे।
महाराष्ट्र की राजनैतिक परिस्थितियों पर पांच सवाल
1 महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन कब हटा?
2 फडनवीस ने रातोंरात कब दावा पेश किया?
3 फडनवीस ने कब विधायकों की सूची पेश की?
4 फडनवीस के समर्थन में कब विधायक राज्यपाल के समक्ष पेश हुए?
5 फडनवीस को चोरी-चोरी शपथ क्यों दिलाई गयी?