गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टायगर रिजर्व बनाने का निर्णय

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मुख्यमंत्री  बघेल की अध्यक्षता में राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक सम्पन्न

जंगलों में वन्य प्राणियों के भोजन-पानी के लिए अच्छे प्रबंध के निर्देश

 

रायपुर, 24 नवम्बर 2019 — मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में प्रदेश के कोरिया जिले के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में प्रदेश में तीन अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदन्ती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व हैं। इसे मिलाकर अब चार टाइगर रिजर्व हो जाएंगे। साथ ही लेमरू हाथी रिजर्व गठन की अधिसूचना जारी होने की जानकारी दी गई।

लेमरू हाथी रिजर्व का गठन कोरबा, रायगढ़ तथा सरगुजा जिले के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमण्डल के वन क्षेत्र को मिलाकर किया जा रहा है। इसका कुल क्षेत्रफल एक हजार 995 वर्ग किलोमीटर है। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश के जंगलों में वन्य प्राणियों के लिए जल स्रोतों को विकसित करने और फलदार और सब्जी के, नारवाली सब्जियों के बीजों का छिड़काव करने, बांस, केला के प्लांटेशन के निर्देश दिए ताकि वन्य प्राणियों को भोजन तथा चारा के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्होंने नरवा विकास योजना के तहत नालों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ वनग्रामों में बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण करने के लिए भी निर्देशित किया।

बैठक में रायगढ़ जिले के अंतर्गत गोमर्डा अभ्यारण्य के ग्राम कनकबीरा में पुलिस चौकी की स्थापना, छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसा तथा राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के शुभंकर और गिद्धों के संरक्षण के लिए कार्ययोजना के संबंध में चर्चा की गई। राज्य में अचानकमार टायगर रिजर्व, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा जिले के मैनपाट में गिद्धों की पांच प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके अलावा बलरामपुर वन मंडल स्थित सेमरसोत अभ्यारण्य में बुद्धिडीह तथा डुमरखोरिखा-सकेतवा जलाशय के लिए 4.67 हेक्टेयर वनभूमि का व्यपवर्तन, जशपुर जिले के अंतर्गत लोटाडांड गायलुंगा से रेंगले तक वन क्षेत्र में पुरानी सड़क के मरम्मत तथा मजबूतीकरण और भोरमदेव अभ्यारण्य के मार्ग का उन्नयन एवं चौड़ीकरण विषयों पर भी चर्चा हुई। बैठक में बाघों की संख्या में वृद्धि तथा बाघों की सुरक्षा के लिए रेडियो कॉलरिंग व्यवस्था और बारनावापारा अभ्यारण्य से चीतलों की अधिक संख्या को गुरू घासी दास राष्ट्रीय उद्यान तथा उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व में पुनर्स्थापित करने के संबंध में भी चर्चा की गई।

इस अवसर पर वन मंत्री  मोहम्मद अकबर, कृषि एवं पशुपालन मंत्री  रविन्द्र चौबे, विधायकगण श्री खेलसाय सिंह,  देवव्रत सिंह,  शिशुपाल सोरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव वन  मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी)  अतुल कुमार शुक्ल सहित बोर्ड के सदस्य और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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