साथ रहने और जीने के लिए आशियाने का पूरा हुआ सपना , पूरे तृतीय लिंग समुदाय में खुशी का माहौल
तृतीय लिंग समुदाय के सामुदायिक भवन हेतु आवंटित भूमि का महापौर के हाथों पूजन
रायपुर –. तृतीय लिंग समुदाय समुदाय हेतु नगरी प्रशासन विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और नगर निगम रायपुर द्वारा आवंटित भूमि का पूजन रायपुर शहर के महापौर प्रमोद कुमार दुबे के हाथों किया गया. इस अवसर पर जोन क्रमांक 8 के आयुक्त प्रवीण सिंह गहलोत तथा अभियंता अभिषेक गुप्ता उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन समुदाय के पुनर्वास तथा सामुदायिक भवन के कार्य हेतु नगरी प्रशासन विकास विभाग द्वारा सरोना में जमीन का आवंटन किया गया है.
तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड, छत्तीसगढ़ शासन की सदस्य विद्या राजपूत ने बताया कि समुदाय के व्यक्तियों को ज्यादातर घर से निकाल दिया जाता है. घर से निकलने के बाद उनके लिए कोई आपातकालीन आवासीय व्यवस्था नहीं रह पाती. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किन्नरों के इस समस्या के हल के लिए उन्हें एक पुनर्वास केंद्र तथा सामुदायिक भवन हेतु जमीन आबंटित किया गया था. विद्या राजपूत ने बताया कि इस भूमि पर भवन का निर्माण किया जाएगा . इसका उपयोग अस्थाई तौर पर आवासीय व्यवस्था , कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र तथा सामुदायिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा . सरकार के इस कदम से पूरे तृतीय लिंग समुदाय में खुशी का माहौल है. तृतीय समुदाय की गुरु रमा बाघ ने कहा कि अब हम सही तरीके से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसी तरह दीपा गुरु ने कहा कि सरकार का यह कदम निश्चित रूप से बहुत मानवीय है तथा एक आदर्श पहल है. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर बच्चे जो समाज से या परिवार से प्रताड़ित हो रहे हैं उनके लिए यह स्थान निश्चित तौर पर उनके भविष्य के लिए बहुत ही अच्छा साबित होगा. इस भूमि पर निर्माण कार्य जोन क्रमांक 8 के अंतर्गत किया जा रहा है इसके अभियंता अभिषेक गुप्ता जी हैं. भूमि पर बनने वाले भवन निर्माण का डिजाइन भी जोन क्रमांक 8 के अंतर्गत किया जा रहा है. समुदाय के सभी सदस्यों ने नगर निगम रायपुर तथा जोन क्रमांक 8 के आयुक्त तथा समस्त अधिकारी कर्मचारियों को भी बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया है.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल 2014 को अपने ऐतिहासिक निर्देश में राज्य सरकार को कहा था कि वह किन्नर समुदाय के सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाएं. उक्त निर्णय के परिपालन में नगरी प्रशासन विकास विभाग द्वारा समस्त आवासीय योजनाओं में पहले से ही समुदाय को 2% का आरक्षण प्रदान किया गया था तथा इस साल सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु जमीन का आवंटन किया गया. उल्लेखनीय कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ में हो रहे कार्यों को काफी सराहा जाता है तथा इस एक मॉडल स्टेट के रूप में भी देखा जाता है.