प्रदेश के खाद्य सचिव पूरे प्रदेश की मीडिया के सामने सरासर झूठ बोल रहे हैं उन्हें तुरंत हटाया जाये- विजय शर्मा

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रायपुर — भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने खाद्य सचिव के ऊपर मिडिया के माध्यम से धान विक्रय पर झुठबोलकर गुमराह करने के आरोप लगाते हुऐ ऊन्हे तुरंत हटाने सरकार से मांग करते हुऐ आदोलन छेड दिया है !विजय शर्मा ने बताया समितियों में लिखित कोई आदेश नहीं आया है परंतु समिति में धान उपार्जन की डाटा एंट्री ऑनलाइन की जाती है तो एक निर्धारित संख्या के बाद डाटा एंट्री करना संभव नहीं हो पाता इस तरह से प्रतिदिन के धान के उपार्जन को निर्धारित और नियंत्रित किया गया है। कमलप्रीत जी के इस बयान से किसान और किसानों की सहकारी संस्था के प्रबंधक और सेवकों के बीच संदेह उत्पन्न होगा और उनके बीच लड़ाइयां शुरू हो जाएँगी जो वर्षों से आ रही पूरी व्यवस्था को ध्वस्त करने वाला होगा। खाद्य सचिव जी कह रहे हैं की धान की खरीदी 15 फरवरी तक होगी और यदि ऐसा ही रहा तो जिस दर से धान का उपार्जन किया जा रहा है उससे समिति में पंजीकृत कुल रकबा से आधे का ही धान खरीदा जा सकेगा जो कि किसानों के लिए दुर्भाग्य जनक है मैं उनके इस विषय को मुख्यमंत्री जी के बयान से जोड़ना चाहता हूं जिसमें मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि किसानों से धान का उपार्जन प्रति एकड़ 7 क्विंटल पहली बार में तथा 8 क्विंटल दूसरी बार में अर्थात दो पाली में किया जाएगा। क्योंकि 15 फरवरी तक केवल आधा धान ही खरीदा जा सकेगा सरकार को बचे हुए आधे धान के व्यवस्था के संदर्भ में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करना चाहिए। साथ ही साथ इससे पूर्व किसानों ने निर्धारित प्रारूप में पूरी औपचारिकता के साथ धान के पंजीयन हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन किया हुआ था परंतु हजारों किसानों का पंजीयन नहीं हो सका जिस की लड़ाई किसान हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं उदाहरण स्वरूप ग्राम सुखाताल के परमानंद वर्मा, परस वर्मा तथा अन्य हाई कॉर्ट में अपील कर चुके हैं और आने वाले एक-दो दिनों में ही हाई कोर्ट इस पर निर्देश जारी करने वाला है। धान उपार्जन हेतु शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के पहले पृष्ठ पर बोल्ड लेटर से लिखा हुआ था कि जिस किसान का रकबा परिवर्तित नहीं हो रहा है उसका पूर्व वर्ष का किया हुआ पंजीयन मान्य होगा परंतु ऐसे हजारों किसान हैं जिनका पंजीकृत रकबा कम हो गया है या पूर्णता समाप्त हो गया है। खाद्य विभाग की इस प्रक्रिया मैं पटवारियों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाया गया किसान और पटवारियों के बीच में वैमनस्यता बढ़ी है और किसानों के धान का रकबा रातों-रात कम हो गया है। उदाहरण स्वरूप कवर्धा जिला के बोड़ला विकासखंड के ग्राम चिखली के घुरुवाराम धुर्वे 8 एकड़ से 3 डिसमिल हो गया राजा नवागांव के सुखचंद पिता लक्ष्मण 6 एकड़ से शून्य हो गया फागु पिता शोभा दास 5 एकड़ से शून्य हो गया ऐसे अनेक किसान हैं। इन सारे किसानों के साथ-साथ कोचियों के माध्यम से भी धान की खरीदी को पूर्णतः प्रतिबंधित रखा गया है यह भी अलिखित आदेश के आधार पर किया गया है अपने प्रेस कोनफ़्रेंस में ही कमलप्रीत जी ने उन आंकड़ों को गिनाया है। जितनी कार्यवाही हुई है वो प्रदेश में ऐतिहासिक है। आज किसान अपनी छोटी-छोटी जरूरतों दवाइयों और साग सब्जी के लिए भी थोड़ा सा धान साइकल से भी परिवहन नहीं कर कोचिए के पास पहुँचते हैं तो सिर्फ़ निराशा किसान के हाथ आती है। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसका मैंने अपने फेसबुक पर वीडियो भी अपलोड किया हुआ है। मैं यह सारी जानकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ मीडिया को दे रहा हूं और आपके माध्यम से मैं छत्तीसगढ़ की सरकार से आग्रह करता हूं कि कमलप्रीत जी को उनके इस गैर जिम्मेदाराना ढंग के कारण तुरंत ही खाद्य सचिव के पद से हटाया जाना चाहिए।

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