अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड ने भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बंदरगाह, कृष्णापटनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) में 75% की नियंत्रणकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया
अहमदाबाद, जनवरी, 2020 — भारत के सबसे बड़े पोर्ट डेवलपर, ऑपरेटर और अदाणी समूह की लॉजिस्टिक्स कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (“एपीएसईजेड”), ने केपीसीएल के मौजूदा शेयरधारकों से 75% की नियंत्रणकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया।
केपीसीएल भारत में दूसरी सबसे बड़ी तटीय क्षेत्र वाले राज्य, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है, और यह एक मल्टीी-कार्गो कंपनी है, जिसने वित्त वर्ष 19 में 54 एमएमटी का संचालन किया है।
यह अधिग्रहण 2025 तक एपीएसईजेड की प्रगति को 400 एमएमटी तक बढ़ायेगा।
केपीसीएल का अधिग्रहण मूल्य लगभग 1,3,500 करोड़ रुपये है। खरीद आंतरिक एक्रुअल और मौजूदा नकदी संतुलन के जरिये वित्त पोषित की जायेगी।
इंटीग्रेटेड एपीएसईजेड के क्रेडिट मेट्रिक्स के इस लेनदेन के साथ बदलने की उम्मीद नहीं है। वित्त वर्ष 21 में केपीसीएल सहित इंटीग्रेटेड एपीएसईजेड लिमिटेड के ईबीआईटीडीए का शुद्ध ऋण लगभग 3.2 गुना होने की उम्मीद है। (जो वित्त वर्ष 19 में ईबीआईटीडीए के 3.1 गुना शुद्ध ऋण के पूर्व-अधिग्रहण के अनुसार है)
अधिग्रहण रेग्यूजलेटरी अप्रूवल के अधीन है। यह लेन-देन 120 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।
एपीएसईजेड के चीफ एक्जीपक्यूटटिव ऑफिसर एवं पूर्णकालिक निदेशक श्री करण अदाणी ने कहा कि ” केपीसीएल भारत के लिए 10 इकोनॉमिक गेटवे का हमारे नेटवर्क, एपीएसईजेड के लिए एक महत्वहपूर्ण कंपनी है और यह अधिग्रहण 400 एमएमटी के कार्गो की हैंडलिंग के हमारे वित्त वर्ष 2025 विज़न की दिशा में हमारे प्रयासों को तेज करेगा। केपीसीएल द्वारा सर्वोत्तम श्रेणी के बुनियादी ढाँचे और अलग-अलग दूर-दराज के क्षेत्रों को सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर, इस अधिग्रहण से न केवल हमारी बाजार हिस्सेदारी 27% तक बढ़ जाएगी, बल्कि पूरे भारत में हमारी मौजूदगी में उल्लेखनीय मूल्य वृद्धि होगी। धामरा और कट्टुपल्ली बंदरगाहों के सफल अधिग्रहण के साथ, हम केपीसीएल की क्षमता का दोहन करने और हितधारकों को लाभ देने को लेकर आश्वस्त हैं।”
श्री अदाणी ने कहा कि एपीएसईजेड लगभग 7 वर्षों में केपीसीएल के कार्गो वॉल्यूम को 100 एमएमटी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखेगा और अपनी प्रक्रिया में सुधार और उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं के जरिये लगभग 4 वर्षों में इसका ईबीआईटीडीए दोगुना कर देगा।