नागरिकता कानून की सच्चाई उजागर करते हुये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महत्वपूर्ण तथ्यपूर्ण और सारगर्भित प्रस्तुतीकरण से भाजपा बौखलाई
बाबा साहब अंबेडकर के बनाए हुए संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है मोदी सरकार का नागरिकता कानून
भाजपा का राजनैतिक उल्लू सीधा करने के लिए मोदी सरकार ने लाया नागरिकता कानून
रायपुर, 5 जनवरी — कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह को लेकर पूछे गए सवालका पुरजोर समर्थन किया है । मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता कानून की विसंगतियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगातार उजागर किया है। स्वयं के उदाहरण से इसे सरल भाषा में आम लोगों को समझाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज इसे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह जी का उदाहरण देकर समझाया है। नागरिकता कानून की सच्चाई उजागर करते हुये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इतने महत्वपूर्ण तथ्यपूर्ण और सारगर्भित प्रस्तुतीकरण पर भाजपा की बौखलाहट स्वाभाविक है।
भाजपा के नागरिकता कानून को लेकर चलाए जा रहे जनसंपर्क अभियान को ढकोसला और आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने की साजिश निरूपित करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में लड़ी जा रही लड़ाई संविधान में दिए गए लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। मोदी सरकार के नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में हिंदू मुसलमान सिख इसाई सभी वर्गों में गुस्सा उबल रहा है। मोदी सरकार के नागरिकता कानून से देश के गरीब मजदूर किसान अनुसूचित जाति जनजाति सहित कमजोर वर्गों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होने जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा सरकार का नागरिकता कानून गरीब विरोधी जनविरोधी और देश विरोधी है। भाजपा अपना राजनैतिक उल्लू सीधा करने के लिए धर्म से धर्म को लड़ाने की साजिश कर रही है। देश के एक बड़े हिस्से में आज इंटरनेट बंद है सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ध्वस्त है पुलिस बर्बरता पूर्वक शांतिपूर्ण आंदोलन कार्यों का दमन कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश के नागरिकों से आंदोलन करने का अधिकार छीनकर मोदी सरकार ने तानाशाही की पहली कड़ी देश के सामने रख दी है। मोदी सरकार के नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में छात्रों नौजवानों गरीब मजदूर किसानों आम लोगों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई संविधान में दिए गए लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब ने मिलकर महात्मा गांधी के नेतृत्व में तिरंगे झंडे तले देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। आजादी की लड़ाई के समय मोहम्मद अली जिन्ना और सावरकर अंग्रेजों की फूट डालो राज करो नीति के अंतर्गत देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने में लगे थे जिसके ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश के आजाद होने के बाद जिन्ना को मानने वाले चले गए पाकिस्तान।भारत में सावरकर के राजनैतिक उत्तराधिकारीयों ने अपनी हरकतों को बंद नहीं किया है और देश की शांति और परस्पर सद्भाव भाईचारा को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। NRC और नागरिकता कानून इसी की नवीनतम कड़ी है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश में बेरोजगारी आज चरम पर है। अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार है। महंगाई आसमान छू रही है। इन मूल मुद्दों से देश का ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार ने नागरिकता कानून का शिगूफा छोड़कर पूरे देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की साजिश रची है। अपना हथकंडा सफल ना होते देख भाजपा ने अब जनसंपर्क अभियान के नाम पर भाई से भाई को लड़ाने धर्म से धर्म को लड़ाने के अभियान को और व्यापक स्वरूप देने का निर्णय लिया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नोटबंदी की तरह ही नागरिकता कानून के माध्यम से मोदी सरकार पूरे देश को एक बार फिर से लाइन में खड़ा करना चाहती है। पढ़े-लिखे लोग संपन्न वर्गों के लोग तो शिक्षा के प्रमाण पत्र निवास के प्रमाणपत्र लाभ ही सकते हैं लेकिन आम आदमी गरीब आदमी मध्यम वर्ग का आदमी मजदूर भूमिहीन किसान कहां से यह प्रमाण पत्र लाएंगे? जनसंपर्क अभियान में भाजपा नेताओं से आम लोग आम नागरिक यह सवाल कर भी रहे हैं और इन सवालों का कोई जवाब भाजपा के पास नहीं है। जवाब होगा भी कहां से ? भाजपा ने तो सांप्रदायिकता फैलाने की साजिश के तहत यह अभियान शुरू किया है इसका देश की वास्तविकता से और जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।