15 वर्ष तक किसानों के पेट में मारी लात : आज भाजपा को याद आ रही है भात पर बात

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रायपुर/09 जनवरी 2020 —  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा है कि 15 साल तक भाजपा ने किसानों के पेट पर लात मारी, भाजपा को अब याद आ रहा है भात। किसान आत्महत्या करते रहे, गरीबी भुखमरी में रहे, तब भाजपा को तो किसान की याद नहीं आई, तब भाजपा को धान की याद नहीं आई, चावल और धान में भाजपा सरकार में घोटाले होते थे। आज किसान खुश है, किसान हरेली, तीजा, पोला, गोवर्धन पूजा का त्यौहार मना रहा है और छेरछेरा मनाने जा रहा है। गौठान के जरिये गोधन की सुरक्षा व ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रहा है। त्यौहार के दिन आंदोलन की बात करके भारतीय जनता पार्टी ने इस बात को साबित कर दिया है कि किसान का प्रदेश में खुशहाल रहना भाजपा को बर्दाश्त नहीं है। भाजपा व उनके नेताओं को छत्तीसगढ़ के रीति रिवाजों की समझ नहीं है। चावल से भात बनता है, धान से चावल बनता है।
भाजपा इन पांच सवालों का जवाब दें।
1 धान का ढाई हजार रुपये खरीदी मूल्य भाजपा को बर्दाश्त क्यों नहीं है?
2 2500 रू. देने पर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल नहीं लेने का आदेश भाजपा की केन्द्र सरकार ने क्यों जारी किया? तब ये नेता क्यों चुप रहे?
3 भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चांवल लेने के लिये केन्द्र सरकार को क्यों नहीं कहा?
4 भाजपा से यह भी सवाल है कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों के लिये छत्तीसगढ़ के किसान हित से ज्यादा महत्वपूर्ण भाजपा की ही केन्द्र सरकार के किसान विरोधी रवैया का समर्थन करना क्यों है?
5 स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों और किसानो की आय दुगुनी करने के भाजपा के वादों का क्या हुआ?
किसान विरोधी रवैये के लिये किसान के त्योहार, मजदूर के त्योहार छेरछेरा में विघ्न डालने की आसुरी प्रवृत्ति के लिये छत्तीगढ़ के लोगों से क्षमा याचना करें। भाजपा को त्योहारो से क्या परेशानी है? दरअसल भाजपा की मूल प्रवृत्ति छत्तीसगढ़ विरोधी, किसान विरोधी और गरीब विरोधी है। छत्तीसगढ़ का आम आदमी खुशियां मनाता है, तो भाजपा के सीने में सांप लोट जाता है और इसी का जीताजागता सबूत आज भाजपा के द्वारा की गयी आंदोलन की घोषणा है।
भाजपा के मन में लोकतांत्रिक परंपराओं के लिये कोई सम्मान नहीं है और छेरछेरा के दिन हम लोग छेरछरा त्योहार के रूप में मनाते है। राम कोठी भरने की बात करते है। छेरछेरा के दिन छत्तीसगढ़ में लोग निकलते है और कहते है कि छेर-छेरा माई कोठी के धान ला हेर हेरा। यही बात भाजपा को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। इस दिन आंदोलन की घोषणा करके भाजपा ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति का रीति रिवाजों का, किसानों का, मजदूरों का अपमान किया है।
किसानों का प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान 2500 रू. खरीदने के लिये कांग्रेस की सरकार संकल्पित है। यदि 15 फरवरी तक धान खरीदी नहीं हो सकी तो आगे इस तिथि को बढ़ाने पर भी सरकार के द्वारा विचार किया जा सकता है। किसानों का पूरा धान खरीदा जायेगा इसमें किसी प्रकार के संशय की कोई बात नहीं है। छत्तीसगढ़ के किसानों को भूपेश बघेल जी की सरकार पर, कांग्रेस की सरकार पर विश्वास है। पिछली बार जब चुनाव के परिणाम नहीं आये थे तब से किसानों ने धान बेचना बंद कर दिया था क्योंकि किसानों को विश्वास था कांग्रेस की सरकार आयेगी और 2500 रू. दाम देगी। किसानों वे प्रदेश की जनता का विश्वास आज भी कायम है। भारतीय जनता पार्टी इसी से बौखला गयी है।
भाजपा उपर प्रहार करत प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अउ संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ह कहिस कि बिलई ह मूसवा के रखवारी नइ कर सकय। अइसनेहे भाजपा ह कभू किसान मन के हित करे के बात तो दूर सोच भी नइ सकय।

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा वित्त आयोग की राशि नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना में व्यय करने के आरोपों को तथ्यहीन, निराधार निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि गांव, गाय, जल और पशुधन के विकास से व ग्रामीणों के आर्थिक सुदृढ़करण से अजय चंद्राकर के पेट में तकलीफ हो रही है जब अजय चंद्राकर पंचायत मंत्री थे तब वित्त आयोग की राशि से भाजपा नेता, मोदी और शाह के प्रवास में भाजपा की सरकार ने रमन सिंह की सरकार ने भीड़ जुटाने के लिए गांव के विकास का पैसा खर्च किया। जिओ के टावर के लिए एक निजी कंपनी के टावर के लिए भी पंचायतों की 600 करोड़ राशि भाजपा सरकार ने दे दी थी जो कांग्रेस के विरोध के बाद वापस करनी पड़ी। रमन सिंह की सरकार ने लगातार गांव वालों के हितों के खिलाफ काम किया। सरकारी कोष से पंचायतों में मूलभूत विकास कार्यो के लिये आने वाली राशि बिना सरपंच सचिव के हस्ताक्षरों के निकाल कर हड़पने की साजिश भाजपा सरकार में ही रची गयी थी। इसे छत्तीसगढ़ के गांव वाले कभी भूलेंगे नहीं। गांव वालों की राशि हड़पने वाली भाजपा सरकार को कभी गांव के मतदाता माफ नहीं करेंगे।

 

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