एनआईए एक्ट के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय का कांग्रेस ने किया स्वागत

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गंभीर संवैधानिक विषय के साथ-साथ संवेदना और जनहित से जुड़ा मामला

 

रायपुर/15 जनवरी 2020 —  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एनआईए के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर किये जाने का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह मामला गंभीर संवैधानिक विषयों के साथ-साथ संवेदना एवं जनहित से जुड़ा विषय भी है। यह मामला केंद्र सरकार के द्वारा लगातार संघीय अवधारणा के खिलाफ काम करने से जुड़ा हुआ है। इस मामले में गंभीरता से विचार करने के बाद इस याचिका की आवश्यकता पड़ी है ताकि राज्यों के अधिकारों पर एनआईए एक्ट की आड़ लेकर जो अतिक्रमण केंद्र सरकार के द्वारा किया जा रहा है भविष्य में न किया जा सके।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जीरम मामले में एनआईए को जब जांच सौंपी गई थी उस समय राज्य सरकार के भाजपा सरकार के नोडल अफसरों ने लगातार जांच में बाधाये डाली और जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो जांच की दिशा ही बदल गई। हमने 2018 का विधानसभा चुनाव जीरम के जांच के मुद्दे पर लड़ा था। शहीदों के परिजन चाहते है कि मामले की जांच हो। राज्य के मतदाता चाहते है कि जीरम मामले की जाँच हो। कांग्रेस को जनादेश मिला है। लेकिन एनआईए के द्वारा फाइल नही दी जा रही है, वो भी तब जब कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। अगर कोई जांच होती है तो राज्य सरकार की अनुशंसा पर होनी चाहिए। राज्य सरकार की अनुमति से होना चाहिए। राज्य सरकार की सहमति से होना चाहिए। राज्य सरकार के संज्ञान में होना चाहिए। लेकिन एनआईए के द्वारा ऐसा नही किया गया और इस परिप्रेक्ष्य में राज्य और राज्य की जनता के व्यापक हित में कांग्रेस की सरकार ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला लिया है।

 

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