बुजुर्गों की सेवा ईश्वर की सेवा से कम नही – बृजमोहन

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संक्रांति के अवसर पर तेलीबांधा स्थित वृद्धाश्रम “आश्रय” में मना समारोह।

 

रायपुर/16/01/2020 —  वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में वृद्धाश्रम का कोई स्थान नहीं था। देश मे संयुक्त परिवार की परंपरा थी,और यही हमारे समाज की असली पूंजी थी। परंतु दुर्भाग्य की बात हे कि भारत जैसे देश परिवार प्रधान देश में अब वृद्धाश्रम चल रहे है। यहा वृद्धाश्रम का होना हमारी संस्कृति के क्षरण का परिचायक है। परंतु अब हमारा कर्तव्य है कि अपने समाज के बड़े बुजुर्गों की चिंता हम सभी मिलकर करें। जो वृद्धाश्रम में रह रहे है ऐसे बड़े बुजुर्गों की तकलीफों उनकी सुख-सुविधाओं का हम ध्यान तो रखे ही साथ ही उनके साथ थोड़ा वक्त बिताएं यही उनकी सच्ची सेवा होगी।
श्री अग्रवाल ने यह बात तेलीबांधा स्थित वृद्धाश्रम “आश्रय” में मकर संक्रांति पर सामाजिक संस्था क्रियेटिव आइस प्रमोशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम”जीना इसी का नाम है” के दौरान उपस्थित प्रबुद्धजनों के समक्ष कही। इस दौरान उन्होंने संस्था की ओर से आश्रम के बुजुर्गों को उपहार भी प्रदान किया।
अपने उद्बोधन में बृजमोहन ने कहा कि उनके मन में एक ऐसे सेंटर की कल्पना है जहां बड़े-बुजुर्ग अपना वक्त बेहतरी के साथ बिता सके। वहा मंदिर हो, लाइब्रेरी, हो वहां जिम हो, भोजन-चिकित्सा की अच्छी व्यवस्था हो, माहौल परिवारिक हो। कोई जरूरी नहीं है कि बुजुर्ग वहा रहे। वे सुबह पहुंचे और शाम तक रंहकर अपने घर लौट जाए। उनके आने-जाने की व्यवस्था भी हम करें।
उन्होंने कहा कि हमने इस शहर में जन्म लिया यही पले बढ़े यही वजह है कि स्वाभाविक रूप से शहर के लोगों से एक आत्मीय संबंध बना हुआ है। शहर में किसी को भी कष्ट होता है तो हमें भी कष्ट होना चाहिए। मेरा यह मानना है कि जिनके पास जरूरतमंदों को देने के लिए बहुत कुछ गए उन्हें आगे बढ़कर बुजुर्गों का हाथ थामना चाहिए। यह ईश्वर की सेवा से कम नहीं है।

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