ऑपरेशन ब्लैक आउट को लेकर उच्चस्तरीय जांच करें कांग्रेस सरकार — कौशिक

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सीएसईबी का मतलब कहीं कांग्रेस सेन्ट्रलाईज इकोनॉमी बोर्ड तो नहीं

रायपुर —  प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ऑपरेशन ब्लैक आउट के सच पर प्रदेश सरकार पर्दा डालने में लगी है। सरप्लस बिजली के लिए देश में विख्यात छत्तीसगढ़ में जिस तरह से रोशनी के नाम पर कारोबार चलाया जा रहा है यह चिंतनीय हैं। ऑपरेशन ब्लैक आउट से जो सच सामने आए हैं सरकार भयभीत है और अब इस मामले में लीपापोती करने में जुट गई है। इससे पूर्व भी इन्वर्टर को लेकर मांगीलाल अग्रवाल के खुलासे के बाद उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और इस तरह से पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई थी जिसका पूरजोर पूरे प्रदेश में विरोध हुआ था। उसके बाद राजद्रोह का मामला वापस लेने को सरकार विवश हुई थी। ऑपरेशन ब्लैक आउट के खुलासे के बाद प्रदेश सरकार कुछ भी कुछ कहने से बच रही है और कुछ लोगों पर कार्रवाई करके इस मामले की इतिश्री करना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा की कुछ लोगों पर कार्यवाही के नाम पर केवल दिखावा खानापूर्ति की जा रही है। इस पूरे मामले में लगता है कि कांग्रेस का कोई गिरोह काम कर रहा है। जिस पर कांग्रेस सरकार जानबूझकर आंखें बंद की हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी इन्वर्टर कंपनियों को फायदा पहुंचाने के नाम पर जो खुलासा हुआ था उसे भय दिखाकर दबाने की पूरी कोशिश की गई। अब एक बार फिर से कुछ लोगों पर कार्रवाई करके सरकार इस पूरे मामले से बचना चाहती है। लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार के संरक्षण में ही पूरे प्रदेश में बिजली डाऊन गिरोह काम कर रहा है। कौशिक ने कहा कि सीएसईसी के आला अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिस तरह से इन्वर्टर को लेकर जो खुलासा पूर्व में मांगी लाल अग्रवाल ने की थी उसके बाद जिस तरह से त्वरित गति से कार्रवाई की गई थी वैसे ही कार्रवाई अब भी क्यों नहीं कि जा रही है?
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि पैसे लेकर बिजली अवरुद्ध करने का जो मामला सामने आया है इससे स्पष्ट हो गया है कि इस ऑपरेशन में बातें सामने आई हैं वह सत्य है। इस पूरे मामले पर उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्वर्टर कंपनियों को लाभ पहुंचाने के नाम पर विद्युत अवरोध किया जा रहा है उससे त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई और पूरे विभाग को इसकी जानकारी नही है। अब तो लगने लगा है कि सीएसईबी का मतलब कांग्रेस सेन्ट्रलाईज इकोनॉमी बोर्ड हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब हमारी सरकार थी तो सीएसईबी के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए लेकिन जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तब से इस विभाग को दुधारू गाय समझ लिया गया है। जिसके चलते बेतुके फैसले लिए जा रहे हैं और इसका सीधा खामियाजा आम उपभोक्ताओं पर हो रहा है। उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस सरकार को कठोर और उचित फैसले लेना चाहिए।

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