निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह की बढ़ी मुश्किलें.. अब गृह मंत्रालय ने जारी किया नया आदेश..

0

रायपुर, 1 फरवरी 2020 — निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की मुश्किलें कम होते दिखाई नही दे रही है। दरअसल फोन टेपिंग मामले के आरोपी आईपीएस मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के निलंबन की अवधि बढ़ा दी गई है। गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। अब निलंबन की अवधि छह महीने के लिए औऱ बढ़ा दी है। 1 फरवरी 2020 से यह अवधि लागू होगी।

बता दें दोनों ही आईपीएस अधिकारियों पर नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले मामले में जांच की दिशा बदलने का आरोप है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने आईपीएस अधिकारियों के विरूद्ध धारा 166, 166 A (B),167, 193, 194, 196, 201, 218, 466, 467, 471 और 120 B और टेलीग्राफ एक्ट की धारा 25, 26 सहपठित धारा 5(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

रजनेश सिंह

गौरतलब है कि साल 2018 में राज्य की सत्ता बदलने के साथ ही नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले मामले में सरकार ने एसआईटी बनाकर नए सिरे से जांच शुरू की थी।

जांच में यह तथ्य उजागर हुआ था कि ईओडब्ल्यू के तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह ने अवैध तरीके से फोन टेपिंग की थी।

आरोप यह भी लगे थे कि घोटाला फूटने के बाद अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मुकेश गुप्ता ने जानबूझकर जांच की दिशा बदली और बड़े चेहरों को बचाने का काम किया।

उस दौरान रजनेश सिंह ईओडब्ल्यू में एसपी के रूप में काम देखते थे. राज्य शासन के निर्देश के बाद दोनों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

राज्य शासन ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1969 के नियम 3 (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 9 फरवरी 2019 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

इसके बाद अखिल भारतीय सेवा नियम 1960 के नियम 3 (8) (बी) के तहत समीक्षा उपरांत शासन ने 8 अप्रैल 2019 को निलंबन अवधि चार महीने और 5 अगस्त 2019 को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया था।

एक बार फिर राज्य शासन के गृह विभाग ने नियम 3(8) (डी) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह की निलंबन अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है। यह अवधि 1 फरवरी 2020 से लागू होगी।

राज्य शासन के निलंबन की कार्यवाही के विरूद्ध मुकेश गुप्ता ने जुलाई 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय में अर्जी दायर की थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तर्क देते हुए कहा था कि निलंबन के 45 दिन गुजरने के बाद उन्होंने अर्जी दी है। ऐसी स्थिति में अब इस पर सुनवाई नहीं हो सकती।

बाद में मुकेश गुप्ता ने शासन की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, उन पर दर्ज सभी मामलों में हो रही कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed