पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में भी कांग्रेस ने किया जीत का दावा
रायपुर , 2 फरवरी 2020 — त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहले और दूसरे चरण की ही तरह तीसरे चरण में भी जीत का दावा करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के गरीब मजदूर किसान गांव में रहने वाले लगातार कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 167 जिला पंचायत क्षेत्रों में से 96 में कांग्रेस के घोषित कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीत कर आए हैं। दूसरे चरण में 89 जिला पंचायत क्षेत्रों के लिए मतदान हुआ जिनमें से 52 जिला पंचायत क्षेत्रों में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीत कर आए हैं। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिला पंचायत के साथ-साथ जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में अच्छी सफलता मिली है। 3 फरवरी को होने वाले पंचायत चुनाव के तृतीय और अंतिम चरण में 143 जिला पंचायत क्षेत्रों के लिए मतदान होगा।कांग्रेस ने तीसरे चरण में 120 से अधिक जिला पंचायत क्षेत्रों में जीत का दावा किया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के अलावा भी कांग्रेसी विचारधारा के जिला पंचायत सदस्य बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं। जिन जिला पंचायत क्षेत्रों में किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सबकी सहमति नहीं बन पाई थी या जीत की अच्छी संभावना रखने वाले दो या दो से अधिक कांग्रेसी उम्मीदवार थे उन क्षेत्रों को मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया था अर्थात किसी एक कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई थी। ऐसे मुक्त क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में कांग्रेस विचारधारा के उम्मीदवार चुनाव जीत कर आए हैं।
पहले और दूसरे चरण की ही तरह त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के तीसरे चरण में भी कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों की जीत का दावा करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूरे छत्तीसगढ़ के गांव वालों में और खासकर मजदूर किसानों में भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा किसानों को ढाई हजार रुपए धान का मूल्य देने से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को रोकने के कारण भाजपा को पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल खरीदने पर रोक लगाने के फैसले के कारण भाजपा के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त नाराजगी है। हालांकि पंचायतो के चुनाव दलीय आधार पर नहीं लड़े जा रहे लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने समर्थित उम्मीदवारों की सूची जारी की है। एक ओर नरवा गरवा घुरवा बारी , 11000 करोड़ की किसानों की कर्जमाफी और ढाई हजार रुपये धान का दाम जैसे किसान हितकारी फैसले लेने वाली छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल जी की कांग्रेस सरकार है दूसरी ओर भाजपा है जिसने लगातार किसानों और छत्तीसगढ़ के हितों को नुकसान पंहुचाने का ही काम किया है। स्वाभाविक रूप से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के किसान हितकारी निर्णयों के कारण पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार पहले और दूसरे चरण में बढ़त बना चुके हैं और तीसरे चरण में भी यह बढ़त और ज्यादा रहेगी।