दबंग नायब तहसीलदार ने हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर को किया मानने से इनकार, जिले में दबंगों का खेल जोरों पर
बलौदाबाजार , 13 फरवरी 2020 — जिले के लवननगर स्थित वार्ड क्रमांक 8 मुक्तिधाम के बाजू में राधेश्याम जायसवाल की 10 डिसमिल जमीन पर खुद के द्वारा गौशाला निर्माण कराया जा रहा था। जिस पर हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद भी नायब तहसीलदार के द्वारा अतिक्रमण बता कर ढहा दिया गया।
जिसको लेकर प्रार्थी राधेश्याम जायसवाल ने टीसीपी 24 की टीम को बताया कि मुक्तिधाम के बाजू में मेरा 10 डिसमिल जमीन है। जिसे नायब तहसीलदार ने अतिक्रमण बताकर पूर्व में कब्जा हटाने नोटिस जारी किया था। जिस पर 29.01.2020 को हाईकोर्ट बिलासपुर से स्टे जारी किया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि आवेदक द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध किया जा रहा है। उसे जांच में शामिल किया जाये। साथ ही 27.1.2020 को राजस्व मंडल रायपुर द्वारा भी स्टे आॅर्डर जारी किया गया था। इस तरह प्रदेश के हर स्तर के न्यायालय से स्टे आॅर्डर मिलने के बाद भी लवन की दबंग नायब तहसीलदार प्रियंका बंजारा ने मिलने का समय तक नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि मैं हाईकोर्ट या किसी भी कोर्ट के स्टे आॅर्डर को नहीं मानती। आपके द्वारा कब्जा किया गया जमीन अतिक्रमण के दायरे में आता है उसे तोड़ा ही जाएगा। वहीं अतिक्रमण तोड़ने जारी नोटिस को भी उन्होंने बैकडेट निकालकर निवास स्थान पर 10.2.2020 शाम 6.30 बजे चस्पा कर दिया। दूसरे दिन सुबह 6.00 प्रार्थी के अनुपस्थिति में निर्माणाधीन गौशाला को नायब तहसीलदार तोड़ू दस्ते के साथ पहुंचकर कार्यवाही करने लगी।
नकल मांगने पर अधिकारी द्वारा किया गया इनकार
दबं अधिकारी से प्रार्थी द्वारा लगातार संपर्क कर आदेश की कापी मांगे जाने पर सुबह आना, शाम को आना कहकर लगातार घुमाते रहे। लेकिन आज दिनांक प्रार्थी को नकल की कॉपी उपलब्ध नहीं कराया गया है। राजधानी से लगे जिले में दबंग अधिकारी का खौफ तले लोगों का जीना दूस्वार हो चुका है। अधिकारी पर पूर्व में भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं।
प्रार्थी ठगा महसूस कर रहा
प्रार्थी पिछले महीने भर से अधिकारियों के इस खेल से अपने आप को परेशान व पीड़ित महसूस कर रहा है। न्याय की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। वहां से भी जारी स्टे आॅर्डर तक को भी दबंग अधिकारी मानने से इनकार कर रहे हैं।
तोड़ना ही पड़ेगा
आपके द्वारा गौशाला निर्माण कराया गया जमीन अतिक्रमण के दायरे में आता है। उसे तोड़ना ही पड़ेगा।
कार्तिकेय गोयल, कलेक्टर, बलौदाबाजार
हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानती
मैं किसी हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानती। मुझे अपना काम करने दो।