दिशाहीन एवं निराशाजनक बजट– विक्रम उसेंडी
रायपुर , 3 मार्च 2020 — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने राज्य सरकार के बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। श्री उसेंडी ने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र की कोई झलक दिखाई ही नहीं दे रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि पहले बजट से छत्तीसगढ़ देश में 15 से 21 स्थान पर फिसला अब दूसरे बजट से कहा पहुंचेगा पता नहीं?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि आर्थिक प्रबंधन के मोर्चे पर प्रदेश सरकार का यह बजट वैचारिक दिशाहीनता और नेतृत्व की विफलता का श्वेत पत्र है जिसमें प्रदेश को विभिन्न योजनाओं का झुनझुना थमाकर लोगों को जरूरतों और जरूरी विकास कार्यों की अनदेखी कर दी गई है। इस बजट में न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कुछ नया विजन है और न ही सबसे विकसित प्रदेश होने की तैयारी। श्री उसेंडी ने कहा कि धान खरीदी के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही प्रदेश सरकार के पास कृषि के नवीनीकरण की कोई योजना तो है ही नहीं, किसानों के स्थायी कल्याण और उनकी खेती व अर्थतंत्र को मजबूत व लाभप्रद बनाने का कोई भी दृष्टिकोण नजर नहीं आ रहा है। खेती की सिंचाई के लिए भी जो घोषणाएं बजट में की गई हैं, आधे-अधूरे मन से की गई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी अपनी ही योजना के प्रति प्रदेश सरकार कोई ठोस काम करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि शिक्षा जगत हो या सामाजिक कल्याण, युवा कल्याण, किसी भी मोर्चे पर सरकार काम करने की इच्छा-शक्ति से शून्य नजर आ रही है। शराबबंदी के वादे पर प्रदेश सरकार फिर मौन साधे बैठ गई है। सुपोषण का ढोल पीट रही सरकार ने कुपोषण से मुक्ति के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है। स्वास्थ्य योजनाओं के नाम पर भी प्रदेश सरकार का यह बजट छत्तीसगढ़ को बेहतर स्वास्थ्य और मरीजों को राहत की गारंटी देता नहीं दिख रहा है। श्री उसेंडी ने कहा कि कुल मिलाकर बजट के नाम पर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से मिलने वाले राज्यांश को ही बजट प्रावधान बनाकर प्रदेश को भरमाने और बजट के नाम पर खानापूर्ति करने का काम किया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि आर्थिक प्रबंधन के मोर्चे पर प्रदेश सरकार का यह बजट वैचारिक दिशाहीनता और नेतृत्व की विफलता का श्वेत पत्र है जिसमें प्रदेश को विभिन्न योजनाओं का झुनझुना थमाकर लोगों को जरूरतों और जरूरी विकास कार्यों की अनदेखी कर दी गई है। इस बजट में न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कुछ नया विजन है और न ही सबसे विकसित प्रदेश होने की तैयारी। श्री उसेंडी ने कहा कि धान खरीदी के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही प्रदेश सरकार के पास कृषि के नवीनीकरण की कोई योजना तो है ही नहीं, किसानों के स्थायी कल्याण और उनकी खेती व अर्थतंत्र को मजबूत व लाभप्रद बनाने का कोई भी दृष्टिकोण नजर नहीं आ रहा है। खेती की सिंचाई के लिए भी जो घोषणाएं बजट में की गई हैं, आधे-अधूरे मन से की गई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी अपनी ही योजना के प्रति प्रदेश सरकार कोई ठोस काम करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि शिक्षा जगत हो या सामाजिक कल्याण, युवा कल्याण, किसी भी मोर्चे पर सरकार काम करने की इच्छा-शक्ति से शून्य नजर आ रही है। शराबबंदी के वादे पर प्रदेश सरकार फिर मौन साधे बैठ गई है। सुपोषण का ढोल पीट रही सरकार ने कुपोषण से मुक्ति के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है। स्वास्थ्य योजनाओं के नाम पर भी प्रदेश सरकार का यह बजट छत्तीसगढ़ को बेहतर स्वास्थ्य और मरीजों को राहत की गारंटी देता नहीं दिख रहा है। श्री उसेंडी ने कहा कि कुल मिलाकर बजट के नाम पर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से मिलने वाले राज्यांश को ही बजट प्रावधान बनाकर प्रदेश को भरमाने और बजट के नाम पर खानापूर्ति करने का काम किया है।