गरीबी दूर करने के सरकार के दावे फेल, आम आदमी पार्टी ने खोली पोल…छत्तीसगढ़ के 2287 गांवों की गरीबी दूर करने के नाम पर करोड़ों का वारा न्यारा
Rti wing ,आम आदमी पार्टी ने की जांच की मांग
जिले की 54 गांवों की गरीबी दूर करने के नाम पर करोड़ों का वारा न्यारा,मामले को दबाने में लगे जिला पंचायत सी.ई.ओ.।
भ्रस्टाचार को दबाने के लिए पंचायत के दस्तावेजों में लगाई आग !
R.T.I. की जानकारी से हुआ खुलाशा दस्तावेजों के जलने की थाने में लिखाई झूठी रिपोर्ट
रायपुर ,04 मार्च 2020 — देश के 50 हजार गांवों से गरीबी दूर करने के लिये केंद्र सरकार ने 2017 में मिशन अंत्योदय योजना बनाई थी।
इन 50 हजार ग्राम पंचायतों में, छत्तीसगढ़ की 2287 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया था।
इन पंचायतों की कमियां जान कर (गेप एनालिसिस करवा कर) इन पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) से जोड़ कर पंचायतों का समग्र विकास कर वर्ष 2020 तक इन्हें गरीबी मुक्त किया जाना था।
योजना को बने 2 वर्ष से अधिक हो गए हैं तथा केंद्र सरकार द्वारा गरीबी दूर करने की मियाद भी कुछ माह ही बची है।
आश्चर्य तो था लेकिन खुशी ज्यादा थी कि 2020 तक हमारे प्रदेश के 2287 ग्राम पंचायतों से गरीबी दूर हो जाएगी।
प्रदेश की आम आदमी पार्टी R.T.I.प्रकोष्ठ ने गरीबी दूर करने के दावे तथा सरकार द्वारा किये गए कार्य की सच्चाई के आकड़े निकालकर जनता तक पहुँचाने का निर्णय लिया |
प्रदेश की आम आदमी पार्टी R.T.I.प्रकोष्ठ ने जिला जांजगीर-चाम्पा को चुना ।
प्रदेश की आम आदमी पार्टी R.T.I.प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने सूचना का अधिकार के तहत जिला पंचायत जांजगीर-चाम्पा से गरीबी दूर करने के छांटे गए गए गांवों की सूची मांगी।
जिला पंचायत सी.ओ.ने 54 गांवों की सूची दी।
अब यह जानना जरूरी था कि इन 54 गांवों में क्या क्या काम किया गया तथा कितनी राशि खर्च की गई ?
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इन 54 गांवों में गरीबी दूर करने की अंत्योदय योजना के तहत किये गए कार्य तथा खर्च की जानकारी मांगने पर जिला पंचायत सी.ओ. का जवाब हैरान करने वाला था !
जिला पंचायत सी.ओ.ने योजना को पहचानने से इंकार करते हुए जानकारी मांगने वाले से पूछा की, यह जानकारी किस विभाग की है, उनके कार्यालय में तो नहीं है !
अब बारी थी पंचायत स्तर पर इस योजना की तहकीकात करने की।
यह जिम्मेदारी निभाई R.T.I.प्रकोष्ठ के जांजगीर-चाम्पा के जिला अध्यक्ष नीलेश कुमार साहू ने –
नीलेश कुमार साहू ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत मौहाडीह से गरीबी दूर करने की G.P.D.P.योजना में वर्ष 2016-17 में किये गए कार्य की जानकारी मांगी।
ग्राम पंचायत के सचिव ने-
08 अप्रैल 2019 को वर्ष 2016-17 में किये गए कार्य की जानकारी दी।
अब जानना था कि वर्ष 2017-18 में क्या कार्य किया गया तथा कितनी राशि खर्च की गई।
वर्ष 2017-18 किये गए कार्य की जानकारी मांगने पर ग्राम पंचायत मौहाडीह के सचिव ने-
02 अगस्त 2019 को जानकारी दी कि-
पंचायत भवन में 09 अगस्त 2018 को आग लगने से वर्ष 2006 से 2018 के दस्तावेज जल गए हैं!
सचिव ने 10 अगस्त 2018 को पुलिस थाने को दी गई सूचना तथा पंचायत भवन के पंचनामे की कापी भी दी।
योजना का दावा था- अंत्योदय योजना से 2020 तक देश की छत्तीसगढ़ की 2287 सहित देश की कुल 50 हजार ग्राम पंचायतों से गरीबी दूर करना!
दावे की सच्चाई-
1.जिला पंचायत सी.ओ.ने लिखित में जवाब दिया कि-
कार्यालय में जानकारी नहीं है!
यह योजना इस कार्यालय से संबधित नहीं है।
2.ग्राम पंचायत के सचिव के पास
अप्रैल 2019 में योजना के दस्तावेज थे!
अगस्त 2019 को सूचना देते हैं कि-अगस्त 2018 को आग लगने से वर्ष 2006 से 2018 के दस्तावेज जल गए हैं!
तो क्या पंचायत सचिव ने दस्तावेजों के जलने की झूठी रिपार्ट लिखवाई ?
क्यों ?
क्या छिपना चाहते हैं जिला पंचायत के सी.ओ.तथा ग्राम पंचायत के सचिव ?
जिला पंचायत के सी.ओ.तथा ग्राम पंचायत के सचिव का जवाब किसी बड़े गड़बड़ झाले के संकेत है।