प्रदेश में रायगढ, राजनांदगांव व कोरबा सहित तीन नए एआरटी सेंटर को मंजूरी
रायपुर, 5 मार्च 2020 — प्रदेश में एचआईव्हीे संक्रमित व्यक्तियों की जांच व उपचार के लिए सुविधाओं मे विस्तार करते हुए तीन नए एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर को नाको ने मंजूरी दी है। नए एआरटी सेंटर मेडिकल कॉलेज रायगढ़, मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव और जिला अस्पताल कोरबा में प्रारंभ होगा। इससे एड्स पीडि़तों के इलाज के लिए प्रदेश में कुल 8 एआरटी सेंटर हो जाएगी। पूर्व में मेडिकल कॉलेज रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, सरगुजा और जिला अस्पताल दुर्ग में एटीआर सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा दो निजी मेडिकल कॉलेज शंकराचार्य दुर्ग और रिम्स मेडिकल कॉलेज रायपुर में भी एटीआर सेंटर खोले जा रहे हैं। इस प्रकार अब राज्य में कुल 10 एआरटी केंद्र हो जाएंगे। सुकमा, नारायणपुर व बीजापुर को छोड़कर सभी जिला अस्पतालों में लिंक एआरटी सेंटर की सुविधाएं एड्स के मरीजों को मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्ट र डॉ.एसके बिंझवार ने बताया एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) से प्रदेश के एड्स के मरीजों को निशुल्क दवाइयां नियमित रुप से दी जा रही है। उन्होंने कहा कि एआरटी सेंटर के द्वारा ऐसे 22 जिला अस्पतालों में लिंक एआरटी सेंटर संचालित किया गया है जहां 50 से अधिक मरीजों की संख्या है। नाको के सर्वे के मुताबिक नशा और दोस्ती युवाओं को इस बीमारी की गर्त में धकेल रही है। पॉजीटिव पंजीकृत पीडि़तों की संख्या 14,000 है, जिनमें महिलाओं का प्रतिशत 37, पुरुषों का 63 और 25-49 साल के आयु वर्ग के 77 फीसदी मरीज हैं। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) ने राज्य में 28000 मरीजों का अनुमान लगाया है। यानी अब तक स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित सीजीसैक्स 50 फीसदी मरीजों को ढूंढ नहीं सकी है।
भारत एचआईवी/एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास कर रहा है। एड्स नामक इस भयानक बीमारी ने देश की एक बड़ी आबादी को अपने प्रभाव में जकड़ रखा है। एचआईवी से संबंधित मामलों को पूर्ण रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं एवं पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस प्रयास में सफलता भी पाई है। भारत को “पूर्णतः एड्स मुक्त” होने के लिए 2030 तक लक्ष्य रखा गया है । अभी भी देश में 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से प्रभावित हैं। यह आँकड़ा विश्व में एड्स प्रभावित लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर आता है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑगेनाइजेशन ने वर्ष 2019-2020 के तहत देश के 14 राज्यों में 50 नए एआरटी सेंटर को प्रारंभ करने की स्वी्कृति दी है। प्रत्येक एआरटी सेंटर में एक डॉक्टंर, एक स्टॉफ नर्स, एक काउंसलर, एक लैब टेक्नेशियन का सेटअप नाको की गाइडलाइन के अनुसार होना अनिवार्य है।