कोरोना का तनाव न लें गर्भवती महिलाएं , हो सकता है शिशु को खतरा….

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रायपुर 22 मार्च 2020 — कोरोना वायरस को लेकर आ रही खबरों से गर्भवती महिलाओं में अवसाद होने से रोकना परिवार और समाज की ज़िम्मेदारी है ।आजकल टीवी पर, समाचार पत्रों में,और यहां तक कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स में भी एक ही विषय चर्चा में है ” कोरोना वायरस “।

देश विदेश से कोरोना से जुडी ख़बरों की चिंता ने परिवार और सभी को विचलित कर रहीं हैं। कई बार कुछ लोग कई तरह की अफवाहें भी फैला देते हैं जिससे आम जनता के बीच डर का माहौल पैदा हो जाता है। इसलिए अपने बचाव के बारे में जरूर सोचें लेकिन कुछ खबरों को अनदेखा करें जिससे तनाव की स्थिति न बन सके।जानकार से ही जानकारी लें।

सोशल मीडिया भी बन सकता है तनाव का कारण
सोशल मीडिया में हर तरह की जानकारियां उपलब्ध हैं| कुछ तो कोरोना से बचाव के तरीके बताते हैं और साथ ही इस वायरस का खौफ भी इतना ज्यादा कायम कर देते हैं की टेंशन होना लाज़मी है। कोई बड़ी घटनाएं होती हैं तो व्हाट्सएप पर कई ग्रुप सक्रिय हो जाते हैं जो कभी भ्रमित भी करने लगते हैं। ऐसे ग्रुप से बाहर निकल जाएं जिनमें कोई भी विचलित करने वाली खबरें आ रही हों।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने बताया गर्भकाल महिलाओं के लिये एक सुखद और अपने आने वाले शिशु के प्रति काफी सजग समय होता है जिसमें पूरा परिवार गर्भवती महिलाओं के आस-पास केन्द्रित रहता है ।ऐसे में परिवार और समाज की ज़िम्मेदारी है उसको फेक न्यूज, और भ्रमक खबरों से दूर रखे ।नियमित जांच के लियें जाते समय सुरक्षा और सफाई का ध्यान रखें । मास्क और सेनेटाय्ज़र का प्रयोग करें । डिलीवरी के समय नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या मितानिन के सम्पर्क में रहें । दिन में कम से कम 10 बार साबुन से हाथ धोऐं सोशल डिसटेंस को मेंन्टेंन कर सेफ रहा जा सकता है ।

चिकित्सा मनोवैज्ञानिक राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेन्द्री, बिलासपुर डॉ. दिनेश कुमार लहरी ने बताया गर्भवती महिलाओं में अवसाद होने से शिशुओं के दिल और दिमाग पर ज़्यादा असर होता है जो शिशुओं को नुकसान पहुंचा सकता है। एक शोध के अनुसार गर्भवती महिलाओं में अवसाद, घबराहट और तनाव होने से शिशुओं के दिल को क्षति हो सकती है। साथ ही शिशुओं के दिमाग के कई प्रमुख क्षेत्रों में भी जन्म से पहले ही विकास बाधित हो सकता है।
इसलियें गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में तनाव नही लेना चाहिये ।सतर्क रहकर ही समस्या का समाधान किया जा सकता है ।
गर्भवती महिलाओं का तनाव कैसे कम करें
गर्भवती महिलाओं में तनाव को कम करना बहुत जरूरी है। सही जानकारी देने वाले टीवी शो , और न्यूज़ पेपर गर्भवाती महिलाओं के लियें फायदेमंद होंगे।

लोगों से दूरी बनाएं अकेले न रहें

कोरोना के कारण कहीं भी ज्यादा लोगों से मिलने में पाबंदी लगा दी गई है। लेकिन सेल्फ आइसोलेशन का मतलब पूरी दुनिया और परिवार से दूर हो जाना नहीं है। किसी भी व्यक्ति विशेष से मिल नहीं पा रहे हैं तो फ़ोन कॉल्स वीडियो कॉल्स पर कनेक्टेड रहें। किसी से भी बातचीत करें सुरक्षा की दृष्टि से लगभग 1 मीटर से ज़्याद की दूरी बनाए रखें।

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