सार्वजनिक स्थानों पर नही थूकने के प्रस्ताव का हो रहा स्वागत ।

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लखनऊ , 7 मई 2020 — कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार की ओर से तंबाकू उत्पादों के उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध के निर्णय का लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वागत किया है और इसे समय की जरूरत के अनुकूल कदम बताया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि नवल कोरना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के प्रयोग और थूकने पर प्रतिबंध लगाएं। गुटखा, खैनी, पान मसाला और सुपारी जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पादों की वजह से मुंह में लार ज्यादा बनती है और लोगों को थूकने की जरूरत ज्यादा महसूस होती है। सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से कोविड- 19 के प्रसार का खतरा बढ़ सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी अपील की थी कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लोग सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू उत्पाद का सेवन और थूकना बंद करें।

कोविड-19 की महामारी के दौरान 20 से ज्यादा राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश पहले ही चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के उपयोग और थूकने को प्रतिबंधित कर चुके हैं। असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पुड्डुचेरी, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू थूकने वाले दोषियों को सजा दी जा रही है।

वोलंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना मुखोपाध्याय कहती हैं, ‘भारत सरकार ने कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने और इसे नियंत्रित करने के लिए समय से कदम उठाते हुए तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया है जिसकी हम सराहना करते हैं। हम सभी धुम्रपान करने वाले और तंबाकू उपयोग करने वालों को अपील करते हैं कि वे अपने स्वास्थ्य की रक्षा करने और कोविड 19 के गंभीर किस्म के लक्षणों के अपने खतरे को कम करने के लिए तंबाकू का सेवन छोड़ दें, खास तौर पर ऐसे गंभीर समय में।”

इस बात के निर्णायक साक्ष्य हैं कि धुम्रपान से श्वसन संबंधी संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे रोग प्रतिरोधी क्षमता घट जाती है और यह सीओपीडी (क्रोनिक ओब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज), हृदय रोग और डायबिटीज जैसी अनेक लाइलाज बीमारियों का प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त इस बात के भी लगातार साक्ष्य मिल रहे हैं कि वैप या ई-सिगरेट से भी हृदय के स्वास्थ्य को खतरा है। इन तथ्यों की वजह से माना जा सकता है कि धुम्रपान करने वालों और संभवतः वैपिंग करने वालों को भी कोविड-19 का खतरा ज्यादा है। धुम्रपान करने वाले और वैपिंग करने वाले कोविड-19 से अपनी रक्षा करना चाहते हैं तो उन्हें इस समय इस लत को छोड़ने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए क्योंकि शोधों से पता चलता है कि धुम्रपान छोड़ने से फेफड़ों का स्वास्थ्य बेहतर होने लगता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज के मनोचिकित्सा विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रतिमा मूर्ति कहती हैं, “इस बात के लगातार साक्ष्य बढ़ते जा रहे हैं कि धुम्रपान कोविड-19 का खतरा बढ़ाता है। धुम्रपान से फेफड़ों का कार्यसंचालन प्रभावित होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है। किसी धुम्रपान करने वाले व्यक्ति को कोविड-19 का संक्रमण हो जाए तो उसे जटिलता का खतरा ज्यादा होता है और उसके लिए यह ज्यादा जानलेवा होता है। अगर कोई कोविड से प्रभावित नहीं भी है तो भी यह धुम्रपान छोड़ने के लिए बेहतर समय है। ऐसा कर के वह अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा और कुछ महीनों के अंदर ही फेफड़ों का कार्यसंचालन भी बेहतर हो जाएगा। कोविड-19 का खतरा कम होने के अलावा इससे फेफड़ों, हृदय और शरीर के दूसरे अहम अंगों के लिए भी लाभ हैं।”

तबाकू उपयोग करने वाले धुम्रपान या चबाने वाले तंबाकू की अपनी आदत छोड़ना चाहें तो भारत सरकार की ओर से संचालित टेलीफोन आधारित मुफ्त क्विट लाइन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय तंबाकू क्विट लाइन सेवा’ (एनटीक्यूएलएस) स्थापित की है ताकि तंबाकू का सेवन करने वालों को यह लत छोड़ने के लिए जरूरी काउंसलिंग उपलब्ध करवाई जा सके। यह क्विट हेल्पलाइन इस तरह तैयार की गई है ताकि तंबाकू का उपयोग करने वालों को इसे छोड़ने में आसानी हो। इसके लिए उनसे कुछ सवाल पूछे जाते हैं, छोड़ने की एक समय सीमा तय की जाती है, एक पर्सनलाइज क्विट प्लान तैयार किया जाता है और डेडिकेटेड टोल फ्री नंबर (1800-11-2356) के माध्यम से फॉलोअप किया जाता है। यह नंबर मंगलवार से रविवार तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध रहता है। यहां पूरी तरह से मुफ्त, गोपनीय, व्यक्तिगत और व्यक्ति विशेष के लिए तैयार सहायता के साथ हिंदी, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में काउंसलिंग सेवा उपलब्ध करवाई जाती है।

तंबाकू उपयोग करने वाले ‘एम-सेसेशन’ सेवा का लाभ भी उठा सकते हैं। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मोबाइल तकनीक का लाभ उठाते हुए तंबाकू की लत छुड़ाने में मदद करने के लिए शुरू की गई है। तंबाकू उपयोग करने वाले लोग देश भर में कहीं से भी फोन नंबर- 011-22901701 पर मिस्ड कॉल दे कर इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इसमें लत छोड़ने में सहायता के लिए मोबाइल पर ही नियमित सहायता दी जाती है। यह सेवा छोड़ने के इच्छुक व्यक्ति और उन्हें सहायता और सूचना उपलब्ध करवाने वाले विशेषज्ञ के बीच दोतरफा मैसेजिंग उपलब्ध करवाती है। यहां एसएमएस के अलावा 12 भाषाओं में इंटरेक्टिव व्हाइस रिस्पांस (आईवीआर) सेवा भी उपलब्ध है।

तंबाकू की लत छोड़ने में मदद (सेसेशन) की सेवा देने वाले विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं, “केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग को अभी मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से तंबाकू की लत छोड़ने संबंधी संदेश को अधिक से अधिक प्रसारित करना चाहिए ताकि लोग मौजूदा स्थिति का लाभ उठा सकें। तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकान, तंबाकू उपयोग करने वाले सहकर्मी आदि आम तौर पर उपलब्ध रहने वाले तंबाकू प्रोत्साहक (ट्रिगर) अभी कम हो गए हैं। इसके साथ ही घर पर रहते हुए उन्हें छोड़ने के लिए जो जरूरी सामाजिक सहयोग चाहिए होता है, वह भी उपलब्ध है। इसलिए कोविड-19 के बीच देश के लिए एक अवसर भी मौजूद है कि हम तंबाकू छोड़ने की अपनी दर को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं।

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