सफलता की कहानी : ‘रोका-छेका’ अभियान से श्रीगुहान के अभिराम हुए गदगद

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रायपुर, —  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर  किसानों के हित में शुरू किए गए रोका-छेका अभियान जहां राज्य के किसानों के चेहरों पर खुशियां बिखेर रहा है। वहीं कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के श्रीगुहान ग्राम के किसान  अभिराम वट्टी ‘रोका-छेका’ अभियान शुरू होने से गदगद होकर कहा कि रोका-छेका अभियान से गांव के पालतू जानवरों को गौठान में लाने की व्यवस्था की गई है। अब गांव के किसानों की फसल को नुकसान नहीं होगा। गांव के सभी किसान मवेशियों को गौठान में लाकर रख सकेंगे, जिससे पशुधन की अच्छी देखभाल भी होगी। गौठान से अधिक मात्रा में गोबर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि रोका-छेका तिहार के दिन गांव के सभी किसान अपने-अपने पालतू जानवरों को गौठान में लाने का संकल्प लिये हैं। श्री वट्टी ने बताया कि अपने तीन एकड़ भूमि में कृषि कार्य करने के पश्चात चारों बैल को गौठान में लाकर चरवाहा को सौंपते हैं। उन्होंने कहा कि गौठान से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा आधुनिक पद्धति से कृषि करने से उनके आय में बढ़ोतरी हुई है साथ ही साथ उनके द्वारा मछलीपालन और मुर्गीपालन का कार्य भी कर रही हैं। जय मॉ लक्ष्मी स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को लॉकडाउन के दौरान डेढ़ लाख रूपये की सब्जी बेचने में कोई भी परेशानी नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि कांकेर जिले के सभी 454 ग्राम पंचायतों में 19 जून को ‘रोका-छेका’ तिहार मनाया गया। इसी के साथ पशुओं को गौठान में एकत्रित करने का कार्य भी शुरू हो गया है। इस अभियान के माध्यम से फसल को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने में किसानों को आसानी हो रही है।

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