कमरछठ पर महिलाओं ने संतान को स्वस्थ्य व सुपोषित रखने की ली शपथ ।

0

रायपुर, 9 अगस्त 2020 —  कमरछठ यानी हलषष्ठी का पर्व भादों माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को आज मनाया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कमरछठ पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं व बच्चों को सुपोषित करने को लेकर शपथ दिलाई| इस मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने व्रत रखने वाली गर्भवती व शिशुवती माताओं स्वयं व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व पोषित आहार के संबंध में जानकारियां दी। छत्तीसगढ अंचल में मनाएं जाने वाले कमरछठ पर्व संतान के स्वास्थ्य व महिलाओं के पोषण पर आधारित है। व्रत के बाद 6 प्रकार की भाजी, पसहर चावल व भैंस की दूध, दही व घी से बने प्रसाद को ग्रहण करती हैं।

गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं को स्तनपान के प्रति भी सजग रहते हुए 6 माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध पिलाने का आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शपथ दिलाई| इन दिनों 1 अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान जागरुकता सप्ताह भी मनाया गया। गुढियारी सेक्टर की पर्यवेक्षक सुश्री रीता चौधरी ने बताया कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए व्रत के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बार-बार साबून से हाथ धोने और मास्क लगाने का संकल्प लिया गया। वहीं महिलाओं ने तख्ती पर लिख कर बच्चों को पौष्टिक आहार देने का संदेश भी दिया। कमरछठ पर्व पर भाजी के पोषण को लेकर व्रत रखने वाली माताओं ने सेल्फी पाइंट पर फोटो भी खिंचवाएं। सेल्फी पाइंट में पोषण को लेकर संदेश देते हुए-हलषष्ठी की कृपा अपार- सुपोषित हो हर घर द्वार… दिया।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडे ने बताया, शिशु व माता के कुपोषण को दूर करने के लिए सुपोषण अभियान व स्तनपान सप्ताह संचालित किए जा रहे हैं। जिले में पहचान किए गए एनिमिक महिलाओं व गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए स्थानीय पर्व एवं त्यौहारों में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 11397 गभर्वती महिलाएं व 14826 शिशुवती माताएं पंजीकृत की गयी हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में 23546 बच्चों के कुपोषित होने की पहचान की गई हैं । इनमें गंभीर रुप 4500 बच्चे कुपोषित हैं।

वजन त्यौहार- वर्ष 2019 के अनुसार जिले के 28000 बच्चे कुपोषित थे इन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सुपोषण आहार देकर सालभर में लगभग 5000 बच्चे को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत सुपोषित किया गया हैं। वहीं 1.23 लाख एनिमिक महिलाओं को चिंहांकित किया गया था जिसमें 11 ग्राम से कम एचबी वाली 43271 महिलाएं , और 10 ग्राम से कम एचबी 13456 महिलाएं थी। इन महिलाओं को लॉकडाउन के दौरान सूखा राशन वितरित किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed