रमन भाजपा सरकार ने जंगल मे रहने वाले 5 लाख परिवार को नही दिया था वन अधिकार पट्टा — धनंजय सिंह

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रायपुर/10 अगस्त 2020 — प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि पूर्व की रमन भाजपा सरकार ने वन क्षेत्र में रहने लोगों के जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करने भाजपा समर्थित उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ के वन संपदा खनिज संपदा को सौंपने की नीयत से परंपरागत पैतृक रूप से वन क्षेत्र में रहने वाले प्राकृतिक प्रेमी 5 लाख परिवार को वन अधिकार पट्टा से वंचित रखा था। छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी हितों के लिए भी बनाया गया था, लेकिन रमन सिंह के 15 साल के शासनकाल में सबसे अधिक परेशानी में आदिवासी, वनवासियों और जंगलों में रह रहे लोग ही रहे हैं। कभी उन्हें नक्सलियों के नाम पर सताया गया, तो कभी वनाधिकार पट्टा न देकर। वनाधिकार पट्टा पाना उनका कानूनी हक है, 15 साल में रमन भाजपा की सरकार ने पांच लाख से अधिक पट्टे रोक के रखे गए हैं। आदिवासियों की जमीन, उद्योग और खदान के नाम से ले ली गईं। रमन सरकार के दौरान लोहांडीगुड़ा में 1700 आदिवासी परिवार से 4200 एकड़ जमीन छीना गया था। लघु वनोपज के दाम 56 प्रतिशत तक घटा दिए गए। रमन सिंह के शासनकाल में वनवासी महुआ को सड़कों पर फेंकने पर मजबूर कर थे। आदिवासियों और जंगलों में रहने वाले लोगों के कल्याण के नाम पर रमन सिंह ने योजना बनाकर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के लिए सरकारी खजाने को चोट पहुंचाया और भाजपा समर्थित उद्योगपतियों को लाभ अमानत करने का काम किया।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार परंपरागत रूप से वन में निवास करने वाले प्राकृतिक प्रेमियों को उनका अधिकार दे रही है। जिसकी शुरुवात कांकेर जिले से हुई है। जिले के 17 गांवों में स्थित 15 हजार 438 हेक्टेयर वनभूमि का सामुदायिक वन संसाधन अधिकार गांवों के लोगों को सौंपे। 4 हजार 834 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा तथा 3 हजार 38 व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे भी दिए गए।

 

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