शिशु संरक्षण माह को 28 तक बढ़ाया गया… विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप अब 28 अगस्त तक दिया जाएगा

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रायपुर 18 अगस्त 2020 — राज्य में 14 जुलाई से 14 अगस्त तक चलाये जाने वाले शिशु संरक्षण माह को अब 28 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान बच्चों को विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप की दी जायेगी । 18 अगस्त से खुराक राज्य में 4 सत्रों का अलग से आयोजन कर के पिलाई जायेगी । बढ़े हुऐ सत्र 18,21,25,और 28 अगस्त को आयोजित होगें।
पत्र किया जारी
इस सबंध मे राज्य बाल रोग एवं टीकाकरण अधिकारी डॉ.अमर सिंह ठाकुर ने एक पत्र जारी कर समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला टीकाकरण अधिकारी को 28 अगस्त तक 4 सत्र दिनों के लिए शिशु संरक्षण माह के विस्तार करने के संबंध में कहा गया है ।
पत्र में कहा गया है 14 अगस्त 2020 को वर्तमान शिशु संरक्षण माह (एसएसएम) दौर का अंतिम सत्र समाप्त किया है। कोरोनावायरस(कोविड‌19) परिदृश्य के कारण,फील्ड मॉनिटरिंग के दौरान यह पाया गया कि कुछ जगह के लाभार्थियों को अपेक्षित सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं और वह छूट गए है। साथ ही प्रतिबंधित क्षेत्र के भी कुछ सत्र स्थलों पर आपूर्ति पहुंचने में देरी हुई है । इसलिए, विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप (आईएफएसिरप) के लिए प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचने के मद्देनजर, इस माह को 4 सत्र दिनों के लिए बढ़ा दिया हैं ।
डॉ.ठाकुर ने कहा है 21 अगस्त को सत्र दिवस, में स्थानीय “तीज अवकाश” के कारण जिले अपनी सुविधानुसार तिथि परिवर्तन करने का निर्णय ले सकते है ।
पूर्व की भांति नियम का होगा पालन
कोविड-19 के दौरान गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों को विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप की खुराक दी जाएगी साथ ही शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जायेगा । बच्चों को निर्धारित समय पूर्व में दे दिया जाएगा । निर्धारित समय पर आकर विटामिन ए और आयरन फोलिक एसिड सिरप की खुराक का सेवन कर सकेंगे ।
आयरन और विटामिन ए से बच्चों को कुपोषण से बचाया जाता है और उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से होता है। नौ माह से एक वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक एक एमएल, एक वर्ष से पांच वर्ष तक उम्र के बच्चों को दो एमएल, छः माह से 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को एक एमएल प्रति सप्ताह आयरन फोलिक एसिड आयरन फोलिक एसिड सिरपकी निर्धारित खुराक में दिया जायेगा।
इन बढ़े दिनों में आयोजित होंगें सत्र
जहां पर विटामिन और सिरप को पिलाया जाएगा वहां बच्चों का वजन भी लिया जाएगा ।आयु और लंबाई के अनुसार कम वजन के बच्चों को कुपोषित बच्चों की श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिनों के लिए भर्ती करके उनके वजन में वृद्धि की जाएगी इस दौरान मां को कार्य क्षतिपूर्ति का पैसा भी दिया जाएगा।

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