केंद्र ने महापौर सहित विधायकों को भी स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम में शामिल कर लिया है – सुनील सोनी

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स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल में महापौर को शामिल करने की मांग पर सांसद सुनील सोनी की प्रतिक्रिया

अब सीएम बताएं डीएमएफ परिषद में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी क्यों

 

 

रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल में महापौर को शामिल करने की मांग पर रायपुर लोकसभा के सांसद सुनील सोनी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रालय ने तो महापौर को स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम में शामिल कर लिया है।उन्होंने कहा कि केंद्र ने सिर्फ महापौर ही नहीं बल्कि रायपुर के रायपुर उत्तर विधायक, रायपुर पश्चिम विधायक, रायपुर दक्षिण विधायक, सहित धरसींवा विधायक जहां सिर्फ स्मार्ट सिटी में एक वार्ड आता है उसे भी केंद्र सरकार ने निष्पक्ष भाव से विकास की दृष्टि से एडवाइजरी में शामिल किया हैं। इस निर्णय से केंद्र सरकार की दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर बिना किसी भेद भाव और राग द्वेष के सब को साथ लेकर विकास की दिशा में अग्रसर होने और विकास के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर कार्य करने की भावना स्पष्ठ होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही विकास की भावना से कार्य करने की अपेक्षा प्रदेश सरकार से प्रदेश की जनता भी रखती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज असंतोष की बात क्यों कर रहे है कहाँ थे वे और उनका असंतोष जब राज्य सरकार ने जिला खनिज संस्थान न्यास निधि के कार्यों की स्वीकृति देने के लिए जिलों में परिषद का गठन किया जिसमे कांग्रेस सांसद और नेताओं को छोड़ किसी सांसदों की याद उन्हें नहीं आयी। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी क्यों की गयी? कांग्रेस नेताओं का कौनसा असंतोष दूर किया जा रहा डीएमएफ के माध्यम से? क्या भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भूपेश सरकार जनता का प्रतिनिधि नहीं मानती क्या?

रायपुर लोकसभा के सांसद सुनील सोनी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आज संविधान की दुहाई दे कर राजनीतिक प्रलाप क्यों कर रहे है। जनता और जनप्रतिनिधि की बात कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि किस प्रकार नगरीय निकायों में सत्ता हथियाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ के रूप में स्थान प्राप्त नगरीय निकाय के चुनाव में किस प्रकार जनता का अधिकार छिनने का काम किया था? किस प्रकार नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से खरीद फरोख्त को बढ़ावा दिया गया? कैसे सत्ता बल, धन बल और बाहुबल के बूते नगरीय निकाय की सत्ता हथियाने का षडयंत्र रचा गया? आज किस मुह से लोकतंत्र की बात कर रहे है? उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दोहरे चरित्र पर हमारे छत्तीसगढ़ की एक कहावत मीठा मीठा गप गप तीखा तीखा थू थू एकदम फिट बैठती है।

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठ कर विकास की दिशा में सकारात्मकता दिखाने और कार्य करने की आवश्यकता हैं। केंद्र में बैठी सरकार सबका साथ सबका विकास के साथ साथ सबको साथ ले कर कार्य कर रही हैं और इसी लिए महापौर सहित रायपुर के विधायकों को भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्मार्ट सिटी में शामिल करने का काम केंद्र सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री जी हर विषय में राजनीति उचित नहीं हैं इस बात को समझना होगा। सांसद सोनी ने डीएमएफ में भी कलेक्टर के अधिकार छिनने का आरोप राज्य सरकार पर लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विकास को ताक पर रख कर हर क्षेत्र में केवल राजनीति करना चाहती है।एक तरफ तो स्मार्ट सिटी में अपने जनप्रतिनिधियों के न होने का राजनीतिक प्रलाप करती हैं वही दूसरी ओर डीएमएफ में भाजपा सांसदों के साथ दोहरा व्यवहार कर अपनी द्वेषपूर्ण मानसिकता का परिचय देती हैं। यही इनका दोहरा चाल चरित और चेहरा हैं। विकास को दरकिनार कर वर्चस्व की राजनीति करना प्रदेश सरकार का एक मात्र उद्देश्य रह गया है। ऐसी स्तिथि न सिर्फ प्रदेश के विकास में बाधक है अपितु प्रदेश सरकार की विकस विरोधी सोच का परिचयक भी हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सांसद सोनी ने कहा कि सबको साथ ले कर सबके विश्वास में खरा उतरते हुए विकास को आगे कैसे बढ़ाया जाता है यह प्रदेश सरकार को केंद्र की भाजपा सरकार से सीखना चाहिए और डीएमएफ में सभी दलों के जनप्रतिनिधियों को समान रूप से विश्वास में ले कर कार्य करना चाहिए।

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