नक्सल समस्या पर राज्य सरकार गंभीर नहीं – कौशिक

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रायपुर —  प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गुरुवार को कांकेर में नक्सली मुठभेड़ में चार जवानों के शहीद होने पर दु:ख व्यक्त कर कहा कि प्रदेश सरकार की नक्सली-नीति के चलते छत्तीसगढ़ एक बार फिर रक्तरंजित हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते पिछले तीन माह में नक्सली आतंक की बस्तर संभाग में काफी वारदातें हुई हैं। पूर्ववर्ती प्रदेश भाजपा सरकार ने सख्ती से नक्सली गतिविधियों पर काबू पाया था लेकिन मौजूदा सरकार के ढुलमुल रवैए और स्पष्ट दृष्टिकोण के अभाव के चलते नक्सली फिर खून-खराबा कर दहशतगर्दी का खेल खेलने लग गये हैं। उन्होंने कटाक्ष किया कि एक ओर राज्य सरकार नक्सलियों का बातचीत का न्योता दे रहे हैं, तो दूसरी ओर नक्सली अपने मंसूबे जाहिर कर रहे हैं। सरकार को साफ करना चाहिए कि वह नक्सलवाद पर काबू कब पाएगी?
श्री कौशिक ने सवाल किया कि आखिर नक्सल पीडि़त राज्यों में जब-जब कांग्रेस सरकार होती है तो नक्सली गतिविधियां क्यों बढऩे लगती हैं? आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है? अर्बन नक्सलियों पर कार्रवाई हो या देशविरोधी ताकतों पर कार्रवाई हो, कांग्रेस के लोग अपने नेताओं के साथ उनके पक्ष में खड़े नजर आते हैं। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह झारखंड में नक्सलियों से कांग्रेस के लिए समर्थन मांगते हैं और राजबब्बर इन्हीं नक्सलियों को क्रांतिकारी बताते हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश को नक्सली-आतंक से मुक्त कराने के अपने दायित्व का निर्वहन करने में प्रदेश सरकार बुरी तरह विफल रही है और इसके चलते नक्सली हमलों में निर्दोष लोगों व जवानों को अपने प्राण गंवाने पड़ रहे हैं। एक तरफ छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार नक्सलियों व उनसे जुड़े लोगों की रिहाई हो रही है तो दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री झारखंड में ज्यां द्रेज की गिरफ्तारी पर अपना विरोध जताकर दूसरे प्रदेश के संवैधानिक कार्यों में दखल देने का अमर्यादित आचरण प्रस्तुत करते हैं।

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